चीन, अमेरिका, ब्राज़ील सहित दुनिया के कई देशो में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुवे अलर्ट मोड में सरकार, स्वास्थय सचिव ने पत्र लिख राज्यों को जीनोम सिक्वेंसिंग हेतु जारी किया निर्देश, जाने क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग
तारिक़ खान
डेस्क: चीन अमेरिका सहित दुनिया के कई देशो में बढ़ते कोरोना केसेस को लेकर भारत सरकार अलर्ट मोड़ पर आ गई है। सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखा कर कोरोना के नए मामलो के जीनोम सिक्वेसिंग करने को कहा है। बताते चले कि भारत में अभी भी हफ्ते में कोरोना के लगभग 1200 नए केस सामने आ रहे हैं, जबकि दुनिया भर में 35 लाख मामले प्रति सप्ताह सामने आ रहे है। इसको देखते हुवे कहा जा सकता है कि पब्लिक हेल्थ चैलेंज अभी शायद अभी खत्म नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से NCDC और ICMR को यह चिट्ठी लिखी गई है। इसमें कहा गया है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देना होगा। इस समय देश में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं हैं, मौते भी काफी कम हो गई हैं। लेकिन क्योंकि पूरी दुनिया में ये वायरस फिर पैस पसार रहा है, ऐसे में सरकार भी कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। कोरोना के मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को रिव्यू मीटिंग भी बुलाई है। उन्होंने कहा है कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स की समय रहते पहचान करनी है, इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि वे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजे।
गौरतलब हो कि विश्व के कई बड़े देशों में कोरोना के केस में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई है जिनमे खास तौर पर अमेरिका, ब्राजील, चीन, कोरिया और जापान में कोरोना के केस में अचानक इजाफा देखा जा रहा है। इससे केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। सरकार ने सभी राज्यों से सतर्क रहने को कहा है। केंद्र सरकार को शक है कि कहीं यह कोरोना का नया वेरियंट तो नहीं है, जिससे आने वाले दिनों में केस में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। केंद्र ने राज्यों की सरकारों से कहा है कि जिस तरह से विश्व के कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे समझा जा सकता है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में कोरोना के ट्रेंड की निगरानी जरूरी है।
जीनोम सीक्वेंसिंग वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है। देश में इस वक्त जीनोम सीक्वेंसिंग के 10 ही लैब है, जहां से इसके बारे में पता लगाया जाता है। इनमें- इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, नई दिल्ली, CSIR आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद, DBT इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्वर, DBT इन स्टेम-एनसीबीएस, बेंगलुरु, DBT नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स, कल्याणी, पश्चिम बंगाल, ICMR नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे के लैब शामिल हैं।