चीन में मचा है कोरोना का कोहराम, लाशो के ढेर में तब्दील हो रहे इलाके
आदिल अहमद
डेस्क: हमारे मुल्क पर टेढ़ी नजरो से देखने वाला चीन खुद के मुल्क में लोगो को ज़िन्दगी की सांसे मुहैया करवाने लायक नही है। इस मुल्क में आज की तारिख में 10 लाख लोगो पर एक आईसीयु बेड उपलब्ध है। जबकि बीमार होते चीन में अंतिम संस्कार तक के लिए मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में कब्रिस्तानो में भी जगह कम पड़ने लगी है। लगभग हर रोज़ ही सरकारी आकड़ो में सैकड़ो लोग कोरोना के कारण दम तोड़ रहे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की कब्रिस्तानों में भी अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं। जबकि चीन कोरोना के आंकड़ों को लगातार छिपा रहा है। नवंबर मध्य तक 11 मौतों की आधिकारिक सूचना दी गई है, जबकि रोज 10,000 से ज्यादा संक्रमित मिल रहे थे। उधर, अंत्येष्टि स्थलों और अस्पतालों के जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है वह कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि चीन के अस्पताल कोरोना मरीजों से भरे पड़े हैं और अंत्येष्टि के लिए कतारें लग रही हैं। शव घरों के कर्मचारियों की अतिरिक्त तैनाती करानी पड़ी है, क्योंकि कोविड से मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स को आधार माने तो चीन के कई शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। व्यवसायिक क्षेत्र पर भी संक्रमण का असर देखने को मिला है। इन केंद्रों पर कामगारों की एक साथ ज्यादा भीड़ न जुटे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है। जियाओफेंग लियांग सीडीसी चीन के निदेशक हैं। उन्होंने एक पब्लिक स्टेटमेंट जारी कर बताया है कि चीन में इस लहर के दौरान 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग चपेट में आ सकते हैं। दस लाख से ज्यादा लोगों की मौत भी हो सकती है।
महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने भी कई वीडियो शेयर किए हैं। उन्होंने कहा है कि चीन में कोरोना की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। देशभर में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। डिंग अमेरिकी सार्वजनिक स्वास्थ्य वैज्ञानिक हैं। वे वर्तमान में न्यू इंग्लैंड कॉम्प्लेक्स सिस्टम्स इंस्टीट्यूट में कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 85 से 95 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। आलम ये है कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। मरीजों को फर्श पर लेटाकर उनका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की भी कमी हो गई है। दवा और ऑक्सीजन का संकट भी गहराने लगा है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते चीन की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। स्वस्थ्य लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं और बीमार लोग अस्पतालों में मौत से जूझ रहे हैं। इसके पहले चीन की सरकार ने कोरोना के रोकथाम के लिए लॉकडाउन भी लगाया था। हालांकि, शंघाई के रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ जरूर देखने को मिलती है। लोग यहां से दूसरे शहरों की ओर जा रहे हैं। शंघाई में कोरोना सबसे तेजी से बढ़ा है। एनबीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल ठंड में चीन के आठ करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के बढ़ने की रफ्तार सबसे तेज होगी।