पटना हाई कोर्ट ने बुलडोज़र से मकान तोड़ने पर जमकर लगाया पुलिस को फटकार, कहा पैसे लेकर एसएचओ और सीओ मकान तोडवा रहे है, कोर्ट को बंद कर दीजिये…..!, देखे वायरल वीडियो
अनिल कुमार
पटना: पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस को बुलडोज़र से भवन तोड़ने पर जमकर फटकार लगाया है। अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुवे कहा है कि कोर्ट को बन्द कर दीजिये। यहाँ भी बुलडोज़र चलने लगा है। अदालत कथित तौर पर भूमाफिया के इशारे पर एक महिला का घर बुलडोजर चलाकर गिराने के मामले में सुनवाई कर रही थी।
लाइव लॉ के मुताबिक, हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, ‘क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं, राज्य का या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया है कि किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे।’ ‘बुलडोजर से मकानों को तोड़ना तमाशा बन गया है।’ जस्टिस संदीप कुमार ने कहा कि क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? तमाशा बना दिया कि किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे। अगर घर को गलत तरीके से तोड़ा गया है तो वह इस बात को सुनिश्चित करेगा कि इसमें शामिल प्रत्येक अधिकारी की जेब से याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपये का भुगतान किया जाए।
Judges like him still gives the hope that this illegally legalised bulldozer-crime will end one day. Do watch. Part-1https://t.co/ERIjn1FXSH pic.twitter.com/ogDnZ0ll9h
— Tarun Gautam (@TARUNspeakss) December 2, 2022
उन्होंने आगे कहा कि 5-5 लाख रुपये दिलवाएंगे हम, घर तुड़वाने का, पर्सनल पॉकेट से। अब पुलिस और सीओ मिलकर घूस लेकर घर तुड़वा रहे हैं, ये सब बंद होना चाहिए। जज ने इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान सीनियर पुलिस अधिकारी को भी पेश होने के लिए कहा है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस मामले की सुनवाई 24 नवंबर को हुई थी, लेकिन कार्यवाही का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया गया।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मामले में पुलिस की रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए कोर्ट को ऐसा प्रतीत हुआ कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना राज्य पुलिस ने अवैध रूप से घर को ध्वस्त कर दिया। जस्टिस कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकारी, कुछ भू-माफियाओं की ‘मिलीभगत’ में काम कर रहे हैं।जब याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसके (याचिकाकर्ता) और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भू-माफिया के इशारे पर जमीन खाली करने के लिए मजबूर करने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया है तो न्यायाधीश ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की रक्षा के लिए वहां हैं