इजराईल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मिले गौतम अडानी, किया बड़ी डील
आफताब फारुकी/ईदुल अमीन
डेस्क: उद्योगपति गौतम अडानी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच मुलाकात हुई है। इस मुलाकात की जानकारी देते हुए गौतम अडानी ने बताया कि इजरायल के महत्वपूर्ण हाइफा पोर्ट का हैंडओवर उनके नियंत्रण वाले अडानी समूह को दे दिया गया है। ये जानकारी ऐसे समय पर आई है, जब अडानी समूह अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जूझ रहा है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले तीन बिज़नेस डेज़ यानी 25, 27 और 30 जनवरी को हुई ट्रेडिंग में अदानी समूह की बाज़ार पूंजी में 29 फ़ीसद की गिरावट दर्ज की गयी है। इसकी क़ीमत भारतीय मुद्रा में लगभग 5.6 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है। कंपनी की ओर से लगातार इस मामले में निवेशकों का भरोसा बनाए रखने की कोशिशें की जा रही हैं। अदानी समूह ने इसी दिशा में रविवार की शाम 413 पन्नों का जवाब दिया था जिसमें उसने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत के ख़िलाफ़ हमला करार दिया था। हालांकि, इसके बाद भी सोमवार को अडानी समूहों के शेयर में गिरावट दर्ज की गयी और उसकी बाज़ार पूंजी में 1.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल में किसी भी क्षेत्र में हुआ ये अब तक सबसे बड़ा विदेशी निवेश है। इजराइल में अडानी समूह के प्रवेश को रणनीतिक खरीद के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इससे एशिया और यूरोप के बीच समुद्री आवाजाही बढ़ सकती है। समुद्री व्यापार में अडानी समूह का अच्छा-खासा प्रभाव बनता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैसेंजर क्रूज के मामले में हाइफा, इजरायल का सबसे बड़ा बंदरगाह है। वहीं शिपिंग कंटेनरों के मामले में ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
Privileged to meet with @IsraeliPM @netanyahu on this momentous day as the Port of Haifa is handed over to the Adani Group. The Abraham Accord will be a game changer for the Mediterranean sea logistics. Adani Gadot set to transform Haifa Port into a landmark for all to admire. pic.twitter.com/Cml2t8j1Iv
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 31, 2023
इजरायल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की जानकारी देते हुए गौतम अडानी ने ट्वीट किया और लिखा है कि “इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर हाइफा पोर्ट की कमान अडानी ग्रुप के हाथों में दी गई है। अब्राहम समझौता भूमध्य सागर के लॉजिस्टिक्स के लिए गेम चेंजर साबित होगा। अडानी गैडॉट, हाइफा पोर्ट को बदलने के लिए तैयार है। इसे ऐसा बनाया जाएगा कि लोग देखते रह जाएंगे।”
वहीं इसे लेकर नेतन्याहू ने भी प्रतिक्रिया दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेतन्याहू ने कहा है कि “मुझे लगता है कि ये एक बड़ा मील का पत्थर है। 100 साल पहले, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बहादुर भारतीय सैनिकों ने ही हाइफा शहर को मुक्त करवाने में मदद की थी। और आज मजबूत भारतीय निवेशक हाइफा बंदरगाह को आजाद करने में मदद कर रहे हैं।”