लोहता: नाम डॉ0 नईम अंसारी, क्लिनिक अलावल स्थित “फैज़ानुर”, डिग्री का तो पता नही, मर्ज़ आपको हो या न हो, दवा देकर ठीक करने की गारंटी, झोलाछाप के आगे नतमस्तक होते सीएमओ कार्यालय के ज़िम्मेदार

शाहीन बनारसी/मो0 सलीम

वाराणसी: शासन के आदेश होने के बाद झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ मुहीम चली। वाराणसी में इस मुहीम के ज़द आने वाले कई बड़े हॉस्पिटल परेशान हुवे और खुद के कागजों को सही करवाने के लिए दौड़ लगाते दिखाई दिए। मगर इन सबके बीच जो मुहीम झोलाछाप डाक्टरों के मुखालिफ चलना चाहिए वह मुहीम कही न कही रुक सी गई है। एक तरीके से देखे तो उस पर कोई कार्यवाही ही नही हुई और लोगो की जान से आज भी झोलाछाप खेल रहे है।

इसका जीता जागता उदहारण आपको लोहता स्थित अलावल में धड़ल्ले से चल रही क्लिनिक “फैज़ानुर”। यहाँ डाक्टर के नाम पर बैठने वाले युवक का नाम डॉ नईम अंसारी है। नईम मियाँ नाम के आगे तो डाक्टर लगाये हुवे है, मगर डाक्टर होने की किसी तरीके की डिग्री कागजों तक पर उपलब्ध नही है। कई दवाओं का जखीरा रखे डाक्टर साहब बने बैठे नईम मियाँ के पास दावा है कि वह सीएमओ के बड़े करीबी है और अक्सर सीएमओ साहब के साथ उठना बैठना है। रही डाक्टर साहब के जानकारी की बात तो उसको जानकार आपको ताज्जुब होगा।

हम नईम मियाँ के पास जाते है और बताते है कि हमारे दांत में दर्द है। बहुत तेज़ दर्द हो रहा है। मुह खोलने में दिक्कत हो रही है। डाक्टर बने बैठे नईम मियाँ ने तुरंत टार्च जलाया और हमारे मुह को कुछ इस तरह खुलवाया जैसे लगा मियाँ हमारे मुह के अन्दर बैठ कर जाँच करेगे। वैसे आपको पहले ही बता दे कि हमारे दांतों को कुछ न हुआ है और हम दांत से अब भी आखरोट तोड़ सकते है। मगर नईम मियाँ की क़ाबलियत हमको तब पता चली तो जब उन्होंने हमारे मर्ज़ की गिनती करवाना शुरू किया।

उन्होंने हमारे मुह के अन्दर टार्च जला कर बताया कि दांत में आपके अभी काफी दर्द हो रहा होगा और आप मुह न खोल प रही होंगी और न बंद कर पा रही होंगी। आपको दो दांत सड़ने के कगार पर है और मसुढो में भारी सुजन है। नईम मिया की बाते आगे की बताने से पहले हम आपको एक बार फिर बताते चले कि हमारे दांतों को कुछ भी नही हुआ और माशा अल्लाह हमारे दांत एकदम तंदुरुस्त है। मगर नईम मिया ने हमको बता दिया कि हमारे दांत सड़ने के कगार पर है। मसुढो पर अच्छी खासी सुजन है, एकदम सही वक्त पर हम उनके पास आ गये वरना हमे दांतों को तोड़ देना पड़ता। उन्होंने हमको दो हैवी पेनकिलर टेबलेट दिया और दो एक साथ एंटीबाइटिक दे डाला। चार पांच और छोटी छोटी सी टिकिया थमा कर हमसे 50 रुपईया दवा का ले लिया।

डाक्टर बनकर बैठे नईम मियाँ के बारे में जानकारी हासिल हुई कि वह इंटर पास किये हुवे है। साथ ही एक डाक्टर के यहाँ कम्पाउन्डर रह चुके है। अब खुद डाक्टर बन बैठे है। बड़ी-बड़ी बाते तो डाक्टर साहब की ऐसी थी कि सुनकर हम खुद डर गए। उन्होंने हमको बताया कि उनके पास एक मरीज़ आया था जिसको बीएचयु से जवाब हो गया था और उन्होंने दो दिन के अन्दर अपने झोलाछाप जानकारी से ठीक कर डाला। सीएमओ से बढ़िया सम्बन्ध और सीएमओ साहब के करीबी होने का दावा करने वाले नईम मियाँ ने खूब ज्ञान हमको दिया और कल फिर आकर दवा ले जाने की सलाह दिया। कहा है कि अगर एक दिन भी दवा में नागा हुआ तो तीन दांत निकालने पड़ेगे। इसीलिए एक हफ्ता आकर हम उनको 50 रुपया देकर दवा लेते रहे। अब हम खुदही परेशान है कि जब हमारे दांत में कुछ हुआ ही नही है और डाक्टर साहब इतना लम्बा चौड़ा ज्ञान दे बैठे, तो मरीज़ के लिए क्या करते होंगे?

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *