कानपुर: पोस्टमार्टम रिपोर्ट को दरकिनार कर हत्या के मामले को गैर इरादतन हत्या का विवेचक ने बनाया मामला, होटल मालिक को दी क्लीनचिट, पोस्टमार्टम ने कहा दाई तरफ लगी गोली, विवेचक ने कहा बाई तरफ लगी, डीसीपी को मिली जांच

आदिल अहमद

कानपुर: पुलिस के खेल निराले भी होते है इसका जीता जागता उदाहरण कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में देखने में आया है जब विवेचक ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को दरकिनार करते हुवे हत्या के मामले को गैरइरादतन हत्या का मामला बनां दिया। मामला जब सामने आया है तो कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने इस मामले की जांच डीसीपी को सौपी है। मामला कानपुर में रावतपुर के धामीखेड़ा में 29 दिसंबर को हुई पेंटर की हत्या का था जिसमे होटल मालिक को क्लीनचिट दे दिया गया और हत्या के केस को गैर इरादतन हत्या में बदल दिया।

मामला को अगर गौर से देखे तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली दाईं ओर लगी थी, जबकि पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि गोली बाईं ओर लगी। वह भी धोखे से। अब इस मामले में डीसीपी पश्चिम विजय ढुल जांच करेंगे। हरदोई के बेहटा दुलारपुर गांव निवासी पेंटर रवि 29 दिसंबर को धामीखेड़ा में केशवपुरम निवासी योगेश परमार उर्फ गुड्डू सिंह के निर्माणाधीन होटल में पेंट कर रहा था। पिता प्रतिपाल सिंह की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक काम के दौरान रवि की होटल मालिक के सिक्योरिटी गार्ड संदीप सिंह से विवाद हो गया था। नाराज संदीप ने रवि को राइफल गोली मार दी थी।

घटना के बाद होटल मालिक और गार्ड उसका शव हैलट में छोड़कर भाग निकले थे। रावतपुर पुलिस ने दोनों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। केपीएम अस्पताल में तैनात डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने वीडियोग्राफी के साथ रवि का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार गोली कमर की दाईं ओर लगी थी। जबकि विवेचक संजय शुक्ला ने अपनी विवेचना में गोली बाईं ओर से चलने की बात कहते हुए लिखा है कि रवि सिक्योरिटी गार्ड से तंबाकू मांग रहा था। गार्ड तंबाकू बनाकर जैसे ही रवि को दे रहा था कि अचानक गोली चल गई, जिससे उसकी मौत हो गई।

इसी आधार पर हत्या की धारा को गैर इरादतन हत्या की धारा में तब्दील कर दिया गया। आरोपी होटल मालिक का नाम भी केस से बाहर निकाल दिया। विवेचना में लिखा है कि मौका-ए-वारदात पर कोई नहीं था, तो ऐसे में आरोपियों की ही बात क्या मानी गई ? जो कहानी उन्होंने बताई उसी को ही सच्चा माना गया।

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