कडाके की ठण्ड में में आराम कर रहा नगर निगम तो समाजसेवक मो0 जुबैर ने निभाया मु’आशरे के लिए अपने फ़रायज़, जलवाया एक दर्जन से अधिक अलाव, ख़ामोशी के साथ तकसीम किये सर्द सियाह रातो में कम्बल
ए0 जावेद
वाराणसी: कडाके की ठण्ड से इंसानियत काँप रही है। नगर निगम कागजों पर अलावा तो जला ही रहा है। मगर मशक्कत के बाद ये सुविधा लोगो को नज़र आ रही है। कई इलाके शहर में ही ऐसे है जहा मजदूर तबके की भीड़ है, मगर अलाव की व्यवस्था नही दिखाई दे रही है। दूसरी तरफ नगर निगम दावे कर रही है कि वह कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था हो चुकी है। दुसरी तरफ ठण्ड से मजदूर तबका और मेहनतकश ठण्ड से काँप रहे है।
इंसानियत को ठण्ड से काँपते हुवे भले कोई देख सके या न देख सके मगर इस शहर बनारस में काफी ऐसे समाजसेवक है जो बिना किसी लालच के, बिना सियासत की ख्वाहिश के सिर्फ खिदमत-ए-खल्क का जज्बा रखते है। ऐसे ही एक समाज सेवक है समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव मो0 जुबैर खान। पिछले एक सप्ताह से देर रात सर्द सियाह रातो में अपनी गाडी से अपने बचपन के दोस्त के साथ सडको पर देर रात सो रहे लोगो पर ख़ामोशी के साथ कम्बल डाल कर आगे चले जाते है।
फ़िक्र-ए-आवाम की जिक्रो फिक्र जुबैर मियाँ को शायद चैन नहीं लेने देती है। आज गरीब तबके के मेहनतकश और बेज़ुनान जानवरों के इस सर्द मौसम में मदद का जज्बा लिए जुबैर मियाँ सुबह सुबह अपने घर से निकले और भारी मात्रा में सुखी लकडियाँ खरीदी। इन सुखी लकडियो से खुद एक एक ऐसे नुक्कड़ जहा पर मेहनतकश अपने आराम के लम्हे गुजारते है, बेजुबान जानवर जहा खुद का बसेरा तलाशते है। ऐसे एक दर्जन से अधिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था जुबैर मियाँ ने खुद खड़े होकर करवाया।
हमको तस्वीर खीचते देख कर जुबैर मियाँ थोडा शर्माते हुवे हमको मना किये। उन्होंने कहा कि जो आवाम का फ़रायज़ हमारे ऊपर है रब ने उसको हमसे अदा करवाया है। इसमें किसी प्रचार प्रसार का क्या फायदा है। बेजुबान जानवर जो अपने दर्द का किसी से इज़हार भी नही कर पाते है, उनके मुताल्लिक भी हमारे फ़र्ज़ है, उनसे मुह तो मोड़ा नही जा सकता है। बेशक हम अपने रब के शुक्रगुज़ार है जिन्होंने मुझे इस काम को करने की तौफीक अता फ़रमाया।
जुबैर मियाँ का साथ देने के लिए उनके साथ उनके अज़ीज़ सुमित शाह, गोलू पटेल, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद सुहैल, असीम गनी, कामिल हाशमी, साहिल हाशमी, बाबू कसेरा, रॉबिन कसेरा, फरीद आलम, ज़ैद, संदीप यादव, टीपू खान, सैय्यद अहमद मौजूद रहे। इलाके के आवाम ने जुबैर मियाँ और उनकी टीम के जज्बा-ए-खल्क-ए-खिदमत के तारीफ किया।