वाराणसी: ठण्ड से कांपते गरीबो पर आई समाज सेवको और प्रशासनिक अधिकारियो की नजर, कमिश्नर कौशल राज शर्मा के नेतृत्व में किया 300 ज़रूरतमंद लोगो को कम्बल तकसीम
शाहीन बनारसी
वाराणसी: बढती ठण्ड इंसानियत को झकझोर कर रखे हुवे है। वो जिनके घर होते है वह अँधेरा होते ही अपने घरो में नर्म मुलायम बिस्तर पर ठण्ड का लुत्फ़ लेने लग जाते है। मगर इसी समाज में कुछ ऐसे लोग भी है जिनका गुज़र इन सडको पर ही शब गुज़ारने के लिए होता है। रहने के लिए न छत और न ओढने के लिए कम्बल। समाज में ऐसे लोगो के प्रति हमारी भी ज़िम्मेदारी बनती है।
इसी ज़िम्मेदारी का अहसास हुआ हमारे कमिश्नर कौशल राज शर्मा और समाज की चिंता करने वाले समाज सेवियों को। जिसके बाद कमिश्नर कौशल राज शर्मा के नेतृत्व में वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन और वाराणसी सिटी स्टेशन पर ज़रूरत मंद उन 300 लोगो को कम्बल का वितरण किया गया जो इस ठण्ड में मदद के मुस्तहक है। हर एक ठण्ड से कांपते हुवे शरीर पर पड़ने वाला कम्बल गरीब के शरीर पर पड़ता तो उसके उम्मीद भरी आँखों और ठण्ड से लडखडाती जुबां दुआओं के अलफ़ाज़ ही निकाल रही थी।
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा और उनके साथ अन्य समाजसेवी एचडीऍफ़सी के सर्किल हेड और समाजसेवा में एक बड़ा नाम मनीष टंडन, कलस्टर हेड रोहित खन्ना, शाखा प्रबंधक अब्दुल क़ादिर, वरुण बंसल, विशाल, अली नवाज़, अबू उबैदा, माशी आजम बिना कैमरों की चकाचौंध और बिना किसी समाज को दिखावे की कोशिश के बड़े ही तन्मयता के साथ घुप सर्द सियाह अँधेरे में लोगो को सर्द जिस्म पर कम्बल की गर्मी दे रहे थे। तस्वीरे हमने उधर से गुज़रते वक्त ख़ामोशी के साथ ले लिया।
न कोई प्रेस नोट, न समाज में हो हल्ला और न ही किसी तरीके की मीडिया के कैमरों की चमक दमक। मकसद इन सबका सिर्फ समाज के उस तबके की मदद करना था जो ज़रूरत मंद है। सर्द सियाह रातो को लकड़ी और अन्य प्रकार से आग के आसपास वक्त और रात की सर्दी से मिली तकलीफ को दूर कर रहे थे। बेशक समाज के अन्य सेवको के लिए ये एक उम्दा सन्देश दे गया। जिसने भी देखा उसने तारीफ किया। जिसने जाना उसके मुह से वाह ही निकल पडा।