तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालो की संख्या हुई 21 हज़ार के पार, मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी, भारत ने चलाया ऑपरेशन दोस्त, अमेरिका ने किया मदद की घोषणा

आदिल अहमद

डेस्क: तुर्की और सीरिया में आए भूकंप को करीब पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन यहां मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। बताते चले कि सोमवार को तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। सोमवार को तुर्की में आये 7.8 तीव्रता के भूकंप से हाहाकार मच गया। भूकंप इतना खतरनाक था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी महसूस किए गए। तुर्की में आये भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। हर ओर लाशें बिछी हुई है। भूकंप के तांडव के ज़द में कई जाने जा चुकी है।

भूकंप का तांडव हर और नज़र आ रहा है। हर ओर चीख पुकार मची है। भूकंप के कहर से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. तबाही का मंजर यह है कि शहर के शहर बर्बाद हो चुके हैं और सबकुछ खत्म हो चुका है। इसके बावजूद लोगों को आस है कि मलबे के नीचे उनका कोई अपना फंसा होगा और वो जिंदा होगा। हालांकि, दोनों देशों में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक मृतकों की आंकड़ा 21 हजार के पार हो चुका है और यह संख्या अभी भी बढ़ सकती है। हजारों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच तुर्की और सीरिया में बचाव और राहत कार्य भी तेज कर दिए गए हैं और लगातार मलबे को हटाया जा रहा है।

भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। दोनों देशों में आए विनाशकारी भूकंप ने तीन प्राचीन शहरों को पूरी तरह से खंडहर में तब्दील कर दिया है। ये शहर हैं- अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो, जो सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित शहरों में से हैं। दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इसी तरह पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता था। वहीं, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाने वाला अलेप्पो शहर भी इस समय खंडहर बन चुका है। भूकंप से पहले सीरिया का दूसरा यह सबसे बड़ा शहर गृह युद्ध में 2012-2016 के बीच भी क्षतिग्रस्त हो गया था।

भूकंप का तांडव झेल रहे इन देशो के लिए भारत समेत कई देशो ने मदद किये है. वही अब भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की की मदद के लिए अमेरिका ने 85 मिलियन डॉलर की सहायता की मानवीय सहायता की घोषणा की है। अमेरिका यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के माध्यम से दोनों देशों को तत्काल मानवीय सहायता में 85 मिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगा। मानवीय सहायता में शरणार्थियों और नए विस्थापित लोगों के लिए आपातकालीन भोजन और आश्रय प्रदान करना, आघात सहायता, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता सहायता शामिल है। अमेरिका ने डिजास्टर असिस्टेंस रिस्पांस टीम (DART) को तैनात किया है।

वही भारत ने तुर्की में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए “ऑपरेशन दोस्त” चलाया है। इसके जरिए भारत ने तुर्की के लोगों की मदद तेज कर दी है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्की भेजी गई है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। भारत से वायुसेना के विमानों के जरिए बड़ी मात्रा में राहत और चिकित्सा सामग्री भेजी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह संकटग्रस्त सीरिया और तुर्की की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *