पुलवामा हमले की चौथी बरसी पर विशेष: “वतन पर मरने वालो का यही बाकी निशां होगा”, 40 जवानो की शहादत जो आज भी कर जाती है आँखे नम

शाहीन बनारसी

14 फरवरी 2019, एक ऐसी तारीख जिस दिन हमारा देश दहल उठा था। वो दिन याद कर आज भी हमारे रोंगटे खड़े हो जाते है। ऐसी कुर्बानी जिसे देश और देश के लोग कभी नहीं भूल सकते। वो 40 जवानो की शहादत आज भी आँखे नम कर जाती है। इस घटना ने हमे झकझोर दिया था। आज ही के दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हमारे सीआरपीऍफ़ के जवानो पर आतंकी हमला हुआ था। आज पुलवामा हमले की चोथी बरसी है। चार बरस बीत जाने के बाद भी जब कैलेन्डर में 14 तारीख आती है तो उन शहीदों को याद कर आज भी आँखें नम हो जाती है।

तारीख थी 14 फरवरी और साल 2019। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर सीआरपीएफ का काफिला जा रहा था। इस काफिले में अधिकतर बसें थीं जिनमें जवान बैठे थे। यह काफिला जब पुलवामा पहुंचा, तभी दूसरी तरफ से एक कार आई और काफिले की एक बस में टक्कर मार दी। जिस कार ने बस में टक्कर मारी, उसमें भारी मात्रा में विस्फोटक (RDX) रखा था। ऐसे में टक्कर होते ही विस्फोट हुआ। धमाका इतना खतरनाक था कि दोनों बसों के परखच्चे उड़ गये थे। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

हालांकि भारत ने कड़े कदम उठाते हुए पुलवामा हमले का जवाब बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया। भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। लेकिन आज भी हमे वो 14 तारीख और पुलवामा हमला याद है, हमेशा रहेगी और 40 जावानो की शहादत को याद कर हमारी आँखें नम होंगी। इन्ही नम आँखों से आज पूरा भारत शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है।

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