निक्की यादव हत्याकांड पर तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: गर ये “साहिल” है तो सैलाब किसको कहेगे? गहलोत साहब के बेटे ने एक बेटी की जान ली, तो दूसरी का मुस्तक़बिल खराब किया
तारिक़ आज़मी
नाम साहिल गहलोत, साहिल पर खड़ा हर एक इंसान अपने आपको महफूज़ समझता है। मगर ये गहलोत साहब का बेटा साहिल है। जिसने अपने पर मुतमईन एक नही दो ज़िन्दिगियो को ख़त्म कर दिया। लिव इन पार्टनर निक्की यादव जो एक देशभक्त परिवार से ताल्लुक रखती है का क़त्ल किया। उसकी डेड बॉडी के साथ 35 किलोमीटर का सफ़र कार से किया। फिर दाबे के फ्रीज़र में लाकर उस मर चुके जिस्म को ठूस दिया। निक्की ने भी इस साहिल के साथ खुद को महफूज़ समझा होगा। मगर महफूज़ तो नही रही वो और आखिर दुनिया से उसके नाम-ओ-निशाँ का खात्मा ही इसी साहिल ने कर डाला।
इसके बाद साहिल अपने घर जाता है। बनता सवारता है। दुल्हा बनता है और खुद की बारात लेकर एक दूसरी लड़की से विवाह करता है। उसके साथ 7 फेरे लेता है। कथित रूप से 7 जन्मो का बंधन बांधता है। उसको बिदा करवा कर अपने घर लाता है। इधर निक्की के परिजन निक्की की तलाश में भटक रहे थे। निक्की के पिता तलाशते हुवे साहिल के घर पहुच जाते है। साहिल निक्की की तलाश करने का वायदा उनसे करता है। मुतमईन करने वापस भेज देता है। मगर निक्की के पिता को शायद कुछ दिल में खटक रहा होगा तभी क्राइम ब्रांच में अपने एक परिचित से मदद मांगते है। निक्की के मोबाइल लोकेशन से पुलिस उस ढाबे तक पहुचती है। फ्रीज़र खुलता है और निक्की की लाश बरामद होती है। एक सैलाब आता है और आखिर साहिल भी इस सैलाब में डूब जाता है।
निक्की यादव के क़त्ल से देश को सन्न रह गया है। मगर कही एक मांग सोशल मीडिया पर नही दिखाई दी। निक्की के कातिल को गुस्से की नज़र से नही देखा गया। मीडिया ट्रायल और डिबेट नही हुई। शायद साहिल का नाम इन सबमे सबसे पहले उसके बचाव कर गया। कल यानी बुद्धवार को निक्की यादव के परिजन मृतका की डेड बॉडी को लेकर झज्जर के गांव खेड़ी खुमार पहुंचे। गाँव में हर तरफ सन्नाटा बिखरा हुआ था। सभी एक दुसरे का मुह देख रहे थे। एक चीत्कार उठी, शायद ये निक्की की माँ ने अपनी बेटी के गम में अपनी आवाज़ निकली होगी। महज़ 7 मिनट परिजनों ने शव को घर में परिजनों के अंतिम दर्शन हेतु रखा। जिसके बाद निक्की का अंतिम संस्कार हुआ। उसके छोटे भाई और पिता ने नम आंखों से गांव के श्मशान घाट में मुखाग्नि दी।
निक्की के पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि बॉडी फ्रीज़र में रखी रहने के कारण मौत का समय निश्चित नही हो पा रहा है। निक्की के शरीर पर कोई चोट के निशाँ नही दिखे। मौत का कारण दम घुटना बताया जा रहा है। शरीर पर चोट के निशाँ न मिलना शायद इस बात को साबित करता है कि निक्की ने साहिल का विरोध नही किया होगा और खुद की मौत उसके हाथो देख कर वह खुद आवक रह गई होगी। एक बेटी इस दुनिया से रुखसत हो चुकी है। पुलिस साहिल गहलोत को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। सबूत पुख्ता जुटा रही है ताकि केस मजबूती के साथ खड़ा हो सके। इस क्रम में साहिल के परिजनों से पूछताछ होने की भी बात सामने आ रही है।
दिल्ली पुलिस ख़ामोशी के साथ एक दावा तो कर रही है कि 10 फरवरी से 13 फरवरी तक साहिल “यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए।” एक अधिकारी ने दबी जुबांन में बताया कि “साहिल के भागने की कोई योजना नहीं थी क्योंकि इससे और अधिक संदेह पैदा होता। उसकी थाली में भी बहुत कुछ था क्योंकि उसकी अभी-अभी शादी हुई थी। पूछताछ के दौरान, उसने कहा कि वह समझ नहीं पा रहा था कि उसे डेड बॉडी के साथ क्या करना चाहिए?
इन सबके बीच संवेदनाये तो बेशक निक्की के साथ है। निक्की जिस साहिल का साथ पाकर खुद को महफूज़ कर रही थी, वह साहिल ही उसको डूबा बैठा। मगर एक और बेटी की ज़िन्दगी इस साहिल ने बर्बाद कर दिया। वह है साहिल की पत्नी। उस बेटी के दिल पर अभी क्या गुज़र रही होगी यह वह जानती होगी या फिर रब जानता होगा। शादुशुदा ज़िन्दगी की ताय्दात घंटो में है। माँ बाप ने उसके ज़िन्दगी की तमाम अरमानो के साथ उसकी शादी करवाया। अपने सपनो का शहजादा पाकर वह कितने लम्हे खुश रह सकी। शायद चंद लम्हे भी तो नही। आज पति को वह परमेश्वर की नजर से देखे या फिर शैतान की नज़र से खुद ही इसका फैसला नही कर पा रही होगी। इन घंटो की शादीशुदा ज़िन्दगी में पति सलाखों के पीछे और दामन पर उसके उसकी प्रेमिका के खुद का धब्बा। उसका मुस्तकबिल क्या होगा? बेशक ऐसे साहिल सैलाबों में डूबने चाहिए, ऐसे साहिल को कानून सख्त से सख्त और जल्द से जल्द सज़ा दे इसकी हम उम्मीद कर सकते है।