झटका: अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस ए0एम0 सप्रे की अध्यक्षता में बनाई 6 सदस्यीय जांच कमेटी, 2 महीने में सेबी भी जांच करके देगी अपनी रिपोर्ट
तारिक़ खान
अडानी-हिंडनबर्ग केस में आज केंद्र सरकार और अडानी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से अपेक्षित झटका लगा है। जिस मामले में सरकार एक गुप्त नामो की कमेटी गठित करने की सोच के साथ कमेटी के सदस्यों का नाम बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को प्रदान कर रही थी, जिसको लेने से अदालत ने साफ इंकार पिछले दिनों कर दिया था। इस मुद्दे पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है। कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस ए0एम0 सप्रे करेंगे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सेबी इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन समेत दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है। ऐसे में सेबी की जांच जारी रहेगी। सेबी को भी समय बाध्यता प्रदान कर उसको 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करने का हुक्म दिया है। यानी सब मिला कर आज के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सरकार और अडानी ग्रुप पर दोहरा झटका लगा है। सेबी समय बाध्यता के साथ अपनी जांच जारी रखेगा और दूसरे तरफ रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी भी जांच करेगी।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में रिटायर जस्टिस ए0एम0 सप्रे के अलावा ओ0पी0 भट्ट, जस्टिस के0पी0 देवदत्त, के0वी0 कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है।