31 मार्च तक सभी गोवंश को कराए संरक्षित, उपलब्ध कराएं प्रमाण पत्र: डीएम
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): निराश्रित गोवंश मुक्त लखीमपुर के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से गुरुवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने गोवंश संरक्षण से संबंधित जिला स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक ली, जिसमे निराश्रित गोवंश संरक्षण, सहभागिता योजना की गहन समीक्षा की, जरूरी निर्देश दिए।
डीएम ने अफसरों को निर्देश दिए कि 31 मार्च तक बेहतर रणनीति के साथ निराश्रित गोवंश को गो आश्रय स्थल संरक्षित कराएं। एसडीएम, बीडीओ एवं ईओ आपसी समन्वय से इस महत्वपूर्ण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर कराए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। डीएम ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि 31 मार्च तक सभी निराश्रित गोवंश को संरक्षित करें तथा प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं। डीएम ने ब्लाकवार दिए लक्ष्य के सापेक्ष निर्माणाधीन गो आश्रय स्थलों एवं उनमें संरक्षित गोवंश की प्रगति जानी। समीक्षा में पाया कि जिले में 33 नए गो आश्रय स्थल संरक्षण के लिए तैयार हैं, जिनमें गोवंश के संरक्षण की प्रक्रिया प्रगति पर है।
डीएम ने ब्लॉक निघासन, बेहजम, लखीमपुर, पलिया ब्लॉक में किए गए प्रयासों को सराहा। वहीं नकहा की खराब प्रगति को फटकार लगाई। नगरीय निकाय बरबर, मैलानी में निर्मित सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कान्हा गो आश्रय स्थल के अबतक न शुरू न होने का कारण जाना, निराश्रित गवर्नर को संरक्षित करते हुए तत्काल संचालन शुरू करने के निर्देश दिए।
सीडीओ ने निर्देश दिए कि पशु चिकित्सक गो आश्रय स्थलों का नियमित भ्रमण करे। गोवंश की स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यकतानुसार ट्रीटमेंट प्रदान करे। इसका सीवीओ नियमित अनुश्रवण, पर्यवेक्षण करे। उन्होंने निर्देश दिए कि आश्रय स्थलों के सन्निकट हरे चारे की बुवाई के लिए उपयुक्त जमीनों का चयन कर लें।
डीएम ने मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गाय पालने पर सरकार से मिल रहे अनुदान की सीवीओ से अद्यतन प्रगति जानी, निर्देशित किया कि सुपुर्दगी में दिए गए गोवंश के लाभार्थियों को समय से धनराशि हस्तांतरित की जाती रहे। वही फरवरी तक का अनुदान संबंधित लाभार्थियों के खाते में नियमानुसार भेजने के निर्देश दिए। बीडीओ, डीएसओ एक सप्ताह तक अभियान चलाकर ग्राम प्रधानों, उचित दर विक्रेताओं के जरिए सहभागिता योजना के लिए जनमानस को प्रेरित कर निराश्रित गोवंश को सुपुर्दगी में दिलाए। उन्हें गोपालक के प्रमाण पत्र भेंट किए जाए। यह पुनीत काम है। गाय पालने पर सरकार से मिल रहे अनुदान का गोपालक लाभ उठाएं।
निराश्रित गौवंशों का संरक्षण मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनके लिए सरकार आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रही है। व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने जिले के अधिकारियों के सहयोग से एक अभिनव पहल की शुरुआत करते हुए भूसा दान अभियान संचालित करने का निर्णय लिया है। डीएम ने गोवंश संरक्षण, संवर्धन के लिए समाज के संभ्रांत, प्रबुद्ध लोगों से भूसा धान की अपील की।
निराश्रित गौवंशों के लिए सर्वाधिक भूसा दान करने वाली ग्राम पंचायतों, प्रधानों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों व संस्थाओं को उचित मंच पर सम्मानित किया जाएगा। 50 कुन्तल या उससे अधिक भूसा दान करने वाले दानवीरों को डीएम अंगवस्त्र व प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित करेंगे। 30 कुन्तल भूसा दान करने वाले दानवीरों को सीडीओ एवम 20 कुन्तल वालों को तहसील के एसडीएम, व बीडीओ ग्राम पंचायत में जाकर प्रधान व सम्बन्धित को सम्मानित करेंगे।