आबकारी नीति में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड हुई पूरी, अदालत ने भेजा न्यायिक हिरासत में, ज़मानत याचिका पर ईडी को अदालत ने जारी किया नोटिस
आदिल अहमद
नई दिल्ली: आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड आज पूरी हो गई है। आज अदालत में पेश करते हुवे ईडी ने उनकी रिमांड नही मांगी, जिसके बाद अदालत ने 5 अप्रैल तक मनीष सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आज अदालत में हुई सुनवाई के दौरान सिसोदिया ने जेल में पढ़ने के लिए कुछ और किताबो हेतु अदालत को अर्जी दिया। इस पर अदालत ने कहा कि जो किताबें वे चाहते हैं, उनको दी जाएं।
गौरतलब है कि ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। सिसोदिया की सीबीआई जमानत के मामले में वकील दयान कृष्णन ने दलील दी कि मोबाइल फोन सीज हो चुका है। अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं। हमारी अपील है कि अब जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए।
आज हुई अदालत में जिरह के दरमियान सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई कानून के दायरे में काम नहीं कर रही हैं। सीबीआई को जो डिवाइस मिले हैं, उसमें सीधे तौर पर मनीष के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है। आबकारी मामले में सीबीआई मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकीं है। सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है।
सिसोदिया के वकील ने पी0 चिदम्बरम केस का हवाला दिया और कहा, “मनीष सिसोदिया की पत्नी मल्टीप्ल बीमारी से जूझ रही है। उनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है। उनका मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा किया जा चुका है। इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए। इस पर सीबीआई ने मनीष की दलील का विरोध किया और कहा कि मनीष के पास 18 मंत्रालय थे, उनको सारी जानकारी थी। आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में जिसको रवि धवन ने तैयार किया था, उसे देखकर डिस्टर्व हो गए। इस मामले में सीधे तौर पर लोगों को फायदा पहुचाना उद्देश्य था।