औलाद ही बनी वालिदैन की कातिल: बुज़ुर्ग वालिदैन को कमरे में बंद कर औलाद ने कैची से तब तक किया वार, जब तक थम न गई दोनों की साँसे, जाने क्या है पूरा मामला
आफ़ताब फारुकी
डेस्क: वालिदैन का साया उस पेड़ के सामान होता है जो हमे फल न दे मगर उस का साया कलेजे को ठंडक जरुर पहुंचाती है। माँ बाप दुनिया की ऐसी दौलत है जो किस्मत वालो के साथ ही होती है। माँ 9 माह बच्चे को कोख में रखती है तो वही बाप खुद दुखो के साए में रहे मगर हमें हमेशा खुशियों भरी ज़िन्दगी ही देता है। कहते है “माँ बाप से अच्छी कोई दौलत क्या है और माँ का आँचल हो सलामत तो फिर जन्नत क्या है।” माँ बाप से ऊँची आवाज़ में बात करने पर अर्श काँप जाती है मगर हाय रे ज़ालिम बेटा तूने ये न किया मगर तूने वो किया जो शायद एक ज़ालिम भी अपने वालिदैन के साथ ऐसी हरकत न करे।
मामला अलीगढ का है जहाँ एएमयू के एक छात्र ने अपने बूढ़े मां-बाप को पहले कमरे में बंद किया, फिर कैंची से उनके चेहरे पर तब तक वार किए, जब तक की उनकी सांस न थम गई। जानकारी के अनुसार अलीगढ़ के जाकिर नगर में गली नंबर 7 में रहने वाले बुजुर्ग इशहाक और शहजादी बेगम को कल बुधवार देर रात उनके बेटे गुलामुद्दीन ने पहले कमरे में बंद किया, फिर कैंची लेकर पहले मां की हत्या की, बाद में पिता की हत्या की। बेटे ने अपने मां-बाप के चेहरे पर तब तक कैंची घोंपी, जब तक की उनकी सांस न रूक गई। हत्यारोपी गुलामुद्दीन एएमयू में बीकॉम का छात्र है।
मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी गुलामउद्दीन को हिरासत में ले लिया है और मृतक दम्पति के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बेटे द्वारा मां-बाप की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने बेटे को हिरासत में ले लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। फील्ड यूनिट को मौके पर बुलाया गया। जो साक्ष्य एकत्रित कर रही है। मुकदमा दर्ज करते हुए विधिक कार्यवाही प्रचलित करने के आदेश दे दिए गए हैं। पड़ोसियों का कहना है कि गुलामउद्दीन का अपने मां-बाप से कई दिनों से अनबन चल रही थी। जिसके चलते घटना को अंजाम दिया गया है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी कि जाकिर नंबर गली नंबर 7 में एक युवक ने अपने माता-पिता को कैंची मारकर हत्या कर दी और खुद को कमरे में बंद कर लिया है।