पीएस खेरवा ने कड़ी मेहनत से तय किया फर्श से अर्श तक का सफर, मिला सर्वश्रेष्ठ विद्यालय का खिताब
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): “कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता है, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों” दुष्यंत कुमार की यह लाइनें इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय खेरवा की प्रधानाध्यापक गौरव गुप्ता पर सटीक बैठती हैं। महज चार साल में स्कूल में गुणवत्तायुक्त शिक्षा ही नहीं दी बल्कि विद्यालय का माहौल भी बदल दिया। डीएम की अभिनव पहल “बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक” से नवाजे गए बेहजम ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खेरवा क्षेत्र के लिए नजीर बन चुका है। महकमे के मुताबिक इस विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता जिलेभर के अन्य सरकारी स्कूलों से काफी बेहतर है। वर्तमान में यहां 200 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं।
पीएस खेरवा में गौरव की नियुक्ति माह अप्रैल, वर्ष 2018 में हुई, उस समय विद्यालय की स्थिति अत्यंत जर्जर और दयनीय थी, प्रिंसिपल गौरव गुप्ता की लगन, कड़ी मेहनत से विद्यालय का हुआ कायाकल्प। 2018 में जहां विद्यालय में केवल 50 बच्चे थे। वही आज नामांकन 200 के ऊपर है। वर्तमान में विद्यालय में मात्र एक सहायक अध्यापक नरेंद्र अवस्थी के होते हुए इस विद्यालय में लगभग 10 गांव के बच्चे, प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालय, कायाकल्प के सभी 19 पैरामीटर्स में संतृप्त है। विद्यालय का भौतिक, शैक्षणिक परिवेश अत्यंत ही उत्कृष्ट है। विद्यालय में सुसज्जित पुस्तकालय, खेल सामग्री है। विद्यालय को अनेक प्रकार के पौधों जैसे आंवला,आम, पीपल ,अशोक, गुलाब, गेंदा और अन्य तरह-तरह के पेड़ पौधों से सजा संवरा है। शानदार चाहरदीवारी, आकर्षक बागवानी विद्यालय के भौतिक परिवेश को दूर से ही आकर्षित करतें हैं।
विद्यालय में नियमित टाइम टेबल से पढ़ाई होती है और यहां कक्षा एक, दो, तीन में पढ़ने वाले लगभग 70 फीसदी बच्चे निपुण लक्ष्य को हासिल कर चुके हैं। विद्यालय में बहुत बड़ा खेल का मैदान है। पीपल पेड़ की छाया में बच्चों के सर्वांगीण विकास विद्यालय का सर्वोच्च लक्ष्य है और यहां के नौनिहाल जिला स्तर तक विभिन्न खेलों में अपनी पहचान बना चुके हैं। शून्य निवेश नवाचार का प्रयोग से विद्यालय की कक्षाकक्षों की सभी दीवारें टीएलएम से सजी हैं। इनका प्रयोग बच्चों के अधिगम स्तर को बढ़ाने में किया जा रहा है। कक्षा पांच के अधिकतर बच्चे अंग्रेजी की किताबें धारा प्रवाह पढ़ते हैं।
विद्यालय में समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें सभी छात्र छात्राओं की सहभागिता होती है। वर्तमान में विद्यालय में दीक्षा ऐप, रीड एलोंग ऐप और स्मार्ट क्लास (प्रोजेक्टर) का प्रयोग करते कार्य किया जा रहा। जिससे बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी के ऊपर रहती है। राज्य स्तरीय टीम भी विद्यालय के भौतिक परिवेश की जमकर सराहना कर चुकी है। निजी स्कूलों को मात दे रहा है ये सरकारी स्कूल, हर क्षेत्र में अव्वल है. अभिभावक यही चाहते हैं कि उनके बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिले और वे जिंदगी में सफलता हासिल करें।
यही वजह है कि उनका झुकाव निजी स्कूलों की तरफ रहता है। खीरी जिले के ब्लॉक बेहजम के पीएस खेरवा के प्रधानाध्यापक गौरव गुप्ता की कोशिशों ने अभिभावकों की इस धारणा को बदल दिया है। सुविधाओं से लैस इस स्कूल की डगर पर अब अभिभावक अपने बच्चों को भेज रहे हैं। उनके बच्चों को यहां निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। इस स्कूल ने इलाके के निजी स्कूलों को भी मात दे दी है। इस विद्यालय में लगभग 10 गांव के बच्चे, प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।