इंदौर की मंदिर पर चला बुलडोज़र, रामनवमी पर हवन के दौरान बावड़ी गिरने से हुई थी 36 लोगो की मौत
संजय ठाकुर
डेस्क: रामनवमी पर मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए हादसे पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया। बताते चले कि मध्यप्रदेश के इंदौर की उस हत्यारी बावड़ी को मलबे से भर दिया गया है, जहां रामनवमी पर बड़ा हादसा हुआ था। नगर निगम ने उसका नामो-निशान मिटा दिया है। बावड़ी के ऊपर बने अवैध बेलेश्वर महादेव मंदिर को भी तोड़ दिया गया है। गौरतलब है कि स्नेह नगर में स्थित इस मंदिर में 30 मार्च को रामनवमी पर हवन के दौरान फर्श धंसने से 21 महिलाओं और दो बच्चों समेत 36 श्रद्धालुओं की बावड़ी में गिरने से मौत हो गई थी।
अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए आज मौके पर नगर निगम और पुलिस का बड़ा अमला पहुंचा। जिसके बाद मंदिर के अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई के दौरान हंगामा या उपद्रव न हो, इसलिए भारी फोर्स भी यहां लगाई गई। बताते चले कि बावड़ी के ऊपर बने अवैध मंदिर को भी तोड़ दिया गया है। इसके अलावा नए मंदिर के ढांचे को भी जेसीबी और पोकलेन की मदद से तोड़ा गया। मंदिर तोड़ने का बजरंग दल कार्यकर्ता विरोध करने पहुंचे, लेकिन नगर निगम की कार्रवाई प्रभावित नहीं हुई। अवैध निर्माण तोड़ने से जो मलबा निकला, उससे बावड़ी को बंद कर दिया गया।
अफसरों का कहना है कि बावड़ी में दरारें होने से उसका सरंक्षण संभव नहीं है। इस वजह से उसे भरने का ही फैसला लिया गया। पटेल नगर उद्यान का अवैध निर्माण तोड़ने के लिए नगर निगम का अमला सुबह पांच बजे मौके पर पहुंचा। 50 से ज्यादा मजदूर, तीन जेसीबी और एक पोकलेन मशीन की मदद से सुबह कार्रवाई शुरू की गई। पटेल नगर की तरफ जाने वाले मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए और अनावश्यक लोगों को नहीं आने दिया जा रहा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस बल भी तैनात था। सुबह दस बजे तक नए मंदिर के निर्माण को आधा तोड़ा जा चुका था। कार्रवाई शुरू होने से पहले बेलेश्वर मंदिर की मूर्तियों को सम्मान के साथ शिफ्ट किया गया।
पटेल नगर क्षेत्र के रहवासी बोले कि अवैध निर्माण हटाने के बाद बावड़ी को बंद करने का फैसला ठीक रहा। जब भी हम घरों से बाहर निकलते थे तो बावड़ी हादसे की याद दिलाती रही थी। हमें हमारे परिजनों की चीख-चित्कारों का एहसास होता था। मंदिर तोड़ने की कार्रवाई का विरोध करने सुबह बजरंग दल कार्यकर्ता भी पहुंचे। उन्होंने पटेल नगर पहुंचकर नारेबाजी की और मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया, लेकिन पुलिस जवानों ने उन्हें मंदिर की तरफ जाने से रोक दिया।