भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने ‘हमराज़ अग्निकांड’ में फेल हुवे कानपुर के फायर ब्रिगेड सिस्टम को लेकर उठाया सवाल, कहा ‘फंड की कमी हो तो बताये हम विधायक निधि से दे देंगे’
आदिल अहमद
कानपुर: कानपुर के अनवरगंज थाना क्षेत्र स्थिति बांसमंडी इलाके के ‘हमराज़ मार्किट’ के कई टावर में लगी आग अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नही आई है। मौके का निरिक्षण डीजीपी और डीजी फायर ने जहा दौरा किया वही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दौरा किया। इन सबके बीच कानपुर फायर सिस्टम पर उठ रहे सवालो को आज भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने भी अपने पत्र के माध्यम से उठाया है।
बताते चले कि इस ‘अग्निकांड’ में कानपुर का फायर सिस्टम फेल रहा है। कानपुर दमकल विभाग के पास भी हाइड्रोलिक फायर सिस्टम है। मगर जानकारी के अनुसार सही रख रखाव न होने के कारण यह सिस्टम काम नही कर रहा है। जिसके बाद बढती आग पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी ने पहल कर अन्य जनपद से हिड्रोलिक फायर सिस्टम मंगवाया। एक हिड्रोलिक फायर सिस्टम सूबह 8 बजे के करीब लखनऊ से आ गया था। जबकि दूसरा दोपहर तक आया।
इस बीच आग ने अपना विकराल रूप ग्रहण कर लिया और बढ़ते बढ़ते एक के बाद दुसरे और दुसरे के बाद तीसरे को टावर को अपनी जद में लेने लगी। आग का विकराल रूप आप इससे ही समझ सकते है कि 50 से अधिक फायर ब्रिगेड की गाडियों के बावजूद भी आग पर नियंत्रण तो है मगर पूरी तरह से आग 40 घंटो के बाद भी बुझी नही है। आग पर यह नियंत्रण भी तब आ सका है जब एनडीआरऍफ़ ने मोर्चा संभाला है और रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया है।
इस अग्निकाण्ड में अर्जन टावर, एआर टावर, मसूद काम्प्लेक्स, हमराज़ काम्प्लेक्स के साथ साथ नफीस काम्प्लेक्स को अपनी ज़द में ले लिया। इस पुरे अग्नि काण्ड में कानपुर अग्निशमन विभाग की विफलता को जमकर उजागर किया। इसके बाद आज डीजी फायर को भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने खुला पत्र लिख कर विभाग की कमियों को उजागर किया। उन्होंने अपने पत्र में ज़िक्र किया कि कानपुर अग्निशमन विभाग के पास आग पर नियंत्रण रखने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। मगर उचित देखभाल न होने के कारण वह काम नही कर रहे है।
विधायक महेश त्रिवेदी ने पत्र में लिखा है कि अगर विभाग के अग्निशमन यन्त्र की उचित देखरेख होती तो आज इतना बड़ा हादसा नही होता। विभाग को अपने संसाधनों के रख रखाव पर ध्यान देना चाहिए और उनको दुरुस्त करवाना चाहिए जिससे ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए। अगर इस कार्य हेतु विभाग को फंड की कमी हो तो हम विधायक निधि से सहयोग करने के लिए तैयार है।