हाथरस के एक स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दरमियान सभी धर्मो के रीति रिवाजो का हुआ मंचन, इस दरमियान इस्लामिक पोशाक पहनकर दुआ का मंचन बना हंगामे का सबब, तीन शिक्षक निलंबित
तारिक आज़मी
डेस्क: हाथरस जनपद के एक मशहूर विद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दरमियान विभिन्न धर्मो के रीति रिवाजो के मंचन में इस्लामिक पोशाक पहन कर दुआ मांगने का मंचन हंगामे का सबब बन गया। इसको मुद्दा बना कर दक्षिणपंथी संगठनों ने विद्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। जिसके बाद जिलाधिकारी ने दो सदस्यों के जांच कमेटी मामले की जाँच हेतु बैठा दिया है।
वही इस मामले में कथित रूप से दोषी प्रिंसिपल सोनिया, शिक्षक इरफ़ान इलाही और कुवर रिजवान को निलंबित कर दिया गया है। दूसरी तरफ हिंदूवादी संगठनो के विरोध को देखते हुवे जिला प्रशासन ने दो सदस्यों की जाँच समिति गठित किया है। जो इस घटना की विस्तृत जांच करेगी।
मामले 18 अप्रैल का है। हाथरस के बीएलएस इंटरनेशनल स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम था। इस दौरान बच्चों ने अलग-अलग धर्मों के धार्मिक रीति-रिवाज़ों का मंच से प्रदर्शन किया था। इस कार्यक्रम में स्कूल के कुछ छात्राओं ने इस्लामी पोशाक पहनकर दुआ मांगने का भी मंचन किया था। यह बात शहर के हिंदूवादी संगठनो को नागवार गुज़र गई।
फिर क्या था शहर के हिंदूवादी संगठनों ने इस घटना को लेकर आज बुधवार को स्कूल के गेट के बाहर प्रदर्शन और हंगामा किया। उनके हंगामे को देखते हुवे ज़िला प्रशासन ने दो सदस्यीय टीम गठित करके जांच की घोषणा की है। स्कूल ने भी घटना की जांच शुरू की है और कहा है कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट ज़िला प्रशासन को सौंपी जाएगी।
स्कूल की प्रिंसिपल के सस्पेंड हो जाने के बाद उनसे हमारी बात तो नही हो पाई है। मगर स्कूल की वाइस प्रिंसिपल अंशिका श्रीवास्तव ने स्कूल में हुई नमाज़ और फातिहा के आरोपों को नकार दिया और कहा कि ‘विश्व धरोहर दिवस मनाया गया है। जो 18 अप्रैल को मनाया जाता है। जिसमे लब पर आती है दुआ जैसे संगीत गाये गए जिसको फातिहा बताया जा रहा है।’
वही जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने बताया है कि मामले में दो सदस्यों की जाँच समिति गठित किया गया है। साथ ही धारा 144 के तहत हंगामा करने वालो की भी जाँच शुरू हो गई है। वही दूसरी तरफ इस हंगामे का नेतृत्व करने वाले हिंदूवादी नेता दीपक शर्मा ने मांग किया है कि स्कूल प्रबंधक के ऊपर कड़ी कानूनी कार्यवाही किया जाए।