जमशेदपुर हिंसा प्रकरण में झारखण्ड पुलिस ने भाजपा नेता अभय सिंह को किया गिरफ्तार, बोली झारखण्ड पुलिस भाजपा नेता अभय सिंह ने साजिश रच भड़काया दंगा

अनिल कुमार

डेस्क: बीते रविवार शाम झारखंड में जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में दो समुदायों के बीच हुई नारेबाज़ी और पथराव के बाद हालात तनावपूर्ण अभी भी हैं। तनाव का कारण सिर्फ शायद इतना था कि एक राजनैतिक दल ने इफ्तार पार्टी रख दिया था। जिसका विरोध करते हुवे कुछ कट्टरपंथी विचारधारा वालो ने अगले चौराहे पर नारेबाजी किया था। आरोप तो ये भी है कि नारेबाजी मस्जिद पर किया गया और मंस्जिद के छत पर झंडे लगाने का भी प्रयास हुआ।

बहरहाल, पुलिस ने इस पुरी साजिश को रचने के आरोप में भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह को गिरफ़्तार किया है। अभय सिंह झारखंड का चर्चित भाजपा नेता है। एसपी सिटी विजय शंकर ने इस गिरफ़्तारी की कल सोमवार को इसकी पुष्टि किया और मीडिया से बात करते हुवे कहा कि ‘सोमवार सुबह क़रीब छह बजे अभय सिंह को गिरफ़्तार किया गया है। अ’भय सिंह ने ही पीछे से लोगों को भड़काया था।’ उनके अनुसार, ‘हालिया रामनवमी में भी अभय सिंह ने ही माहौल ख़राब करने की कोशिश की थी। इस घटना को अंजाम देने के लिए कई व्हाट्सएप ग्रुपों का इस्तेमाल किया गया।’ उन्होंने कहा कि अभय सिंह के अलावा पांच-छह और नेता हैं जो इस मामले में अभियुक्त हैं।

कौन है भाजपा नेता अभय सिह

भाजपा नेता अभय सिंह ने राजनीति की शुरुआत भाजपा से बतौर पूर्वी सिंहभूम ज़िला अध्यक्ष के किया था। साल 2002 से लेकर 2005 तक वह भाजपा ज़िला अध्यक्ष के तौर पर भाजपा में था। जमशेदपुर पूर्वी विधान सभा क्षेत्र जहा से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास आते है का रहने वाला अभय सिंह राजनैतिक महत्वाकांक्षा के साथ बाबूलाल मरांडी द्वारा गठित नई पार्टी जेवीएम में शामिल होकर उस पार्टी में महासचिव का पद हासिल किया।

जिसके बाद वह साल 2009, 2014 व 2019 विधानसभा चुनाव में वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवरदास के ख़िलाफ़ जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव लड़कर हार चूका है। तीनों ही बार किस्मत ने हार का मुह दिखाया।  2019 विधानसभा चुनाव के बाद जब बाबूलाल मरांडी सियासत में बहुत कुछ न कर पाने के बाद भाजपा में शामिल हुए तो अभय सिंह भी भाजपा में शामिल हो हुआ। इस दौरान अभय सिंह की छवि कट्टर हिंदुत्वादी नेता की बन गई। इस छवि में ढलना उनके लिए मुश्किल नहीं था क्योंकि उनके पिता धुरेंदर सिंह व दादा प्यारे लाल भी हिंदुत्ववादी नेता रहे हैं। इनके पिता विश्व हिंदू परिषद के जमशेदपुर अध्यक्ष रहे हैं।

बताया जाता है कि इस वर्ष 2023 की रामनवमी में जमशेदपुर के तमाम अखाड़ों का अभय सिंह ने ही नेतृत्व किया था। इस दौरान प्रशासन के मना करने के बावजूद रामनवमी अखाड़ा ने जुलूस में बड़े ट्रक का इस्तेमाल किया, जिसे प्रशासन ने ज़ब्त कर लिया। इस वजह से अभय सिंह ने नवमी के दिन आखाड़ा नहीं उठाने का फ़ैसला किया।

अभय सिंह दिन भर धरना पर बैठे रहे। जमशेदपुर के सांसद की मध्यस्थता के बाद प्रशासन ने ट्रक छोड़ा, तब नवमी का झंडा उठा। इससे पहले भी विभिन्‍न धार्मिक कार्यक्रमों में अभय सिंह का नाम विवादों से जुड़ा रहा है। 16 नवंबर 2021 को ठाकुर प्यारा सिंह, धुरंधर सिंह दुर्गापूजा कमेटी के मुख्य संरक्षक अभय सिंह समेत सात पर नामज़द व 40 अज्ञात पर कोविड को लेकर जारी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था लेकिन उस समय गिरफ़्तारी नहीं हुई थी।

भाजपा ने किया अभय सिंह का बचाव और गिरफ़्तारी का विरोध

अभय सिंह की गिरफ़्तारी पर पूरी झारखण्ड भाजपा को जलाल आया हुआ है। भाजपा अभय सिंह के बचाव में उतर चुकी है। भाजपा की प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि शनिवार व रविवार को हुई घटना में अभय सिंह न वहां गए न ही उन घटनाओं को लेकर उनकी कोई गतिविधि थी, न ही उन्होंने कोई बयान दिया। फिर भी प्रशासन बिना वारंट दिखाए उनको घर से गिरफ़्तार करती है, जो निंदनीय है। जब मैंने जानकारी मांगी तो मुझसे कहा गया कि जो भी जानकारी चाहिए अब कोर्ट से हासिल कीजिए। प्रशासन का रवैया बिल्कुल तानाशाही वाला है।” एक अन्य भाजपा नेता शिव शंकर सिंह कहते हैं कि ग़लती प्रशासन की है वह शनिवार कि घटना पर नियांत्रण नहीं कर सका, जिसका ख़मियाज़ा शास्त्रीनगर के लोगों ने रविवार को भुगता।

क्या हुआ था शनिवार को

शनिवार की रात जमशेदपुर के शास्त्रीनगर इलाक़े में रामनवमी के झंडे में कथित तौर पर मांस का टुकड़ा मिलने को लेकर तनाव पैदा हो गया। यह झंडा तीस फ़िट ऊंचे खंभे में लगा था। जिसके बाद दंगे भड़क उठे थे। आरोप है कि कुछ दक्षिणपंथी विचारधारा के युवको द्वारा एक मस्जिद पर नमाज़ के दरमियान हमला कर दिया गया था। मस्जिद के छत पर भगवा झंडे लगाने के प्रयास का भी आरोप इस दरमियान लगा। दोनों पक्षों में जमकर पथराव भी हुआ।

क्या रही पुलिस कार्यवाही

इस दौरान दोनों पक्षों से लगभग पचास लोगों को हिरासत में ले लिया गया। प्रशासन ने बढ़ते तनाव को नियंत्रित करने के मद्देनज़र धारा 144 लगा दी। सिटी एसपी विजय शंकर सिंह ने मीडिया से बात कहते हुवे बयान दिया है कि एक सौ से अधिक नामज़द लोगों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 353, 332, आर्मस एक्ट-27 आदि धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज हुई है।

क्या है हालात

हालांकि शनिवार को तनाव पैदा होने के बाद जमशेदपुर पुलिस हरकत में आ गई थी और दोनों पक्षों को समझा बुझा कर माहौल शांत करवा दिया था। हालात को देखते हुए इलाक़े में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिया गया है।

क्या था मामला

इन दिनों रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है जिसमें मुसलमान रोज़ा रखते हैं। रविवार की शाम झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से शास्त्रीनगर से एक किलोमीटर दूर गणेश पूजा मैदान में इफ़्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। शास्त्रीनगर के स्थानीय निवासियों की माने तो शास्त्रीनगर के अधिकांश मुस्लिम नौजवान वहां मौजूद थे। इसी समय दूसरे समुदाय के लोग रामनवमी के झंडे के साथ कुछ दूर पर बने फ़ारूक़ी मस्जिद के पास जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। इस बात की सूचना मिलते ही, सभी शास्त्री नगर मुख्य सड़क तक पहुंचे।

बताया जाता है कि इस दरमियान दोनों पक्षों की ओर से लगाए जा रहे धार्मिक नारों के बीच पथराव भी शुरू हो गया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस घटना में पांच-छह दुकानों में आग लगा दी गई जिससे काफ़ी नुक़सान हुआ। आसपास मौजूद बड़ी संख्या में बाइक और दूसरे वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए। पुलिस ने हालात को काबू पा लिया था और हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से उस स्थान का आरती के द्वारा शुद्धिकरण किया गया, जहा इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ था। लेकिन रविवार की शाम को माहौल दोबारा तनावपूर्ण हो गया।

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