सामूहिक धर्मान्तरण के आरोप में गिरफ्तार हुवे इस्लामिक विद्वान् मौलाना कलीम सिद्दीकी को हाई कोर्ट से मिली ज़मानत, जाने क्या है कलीम सिद्दीकी पर आरोप
शाहीन बनारसी
डेस्क: सितंबर 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते द्वारा सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप में गिरफ्तार इस्लामिक विद्वान् मौलाना कलीम सिद्दीकी को आज बुद्धवार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर राज्य भर में 1000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन करने के आरोप है। आज ज़मानत याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस अता-उर-रहमान मसूदी और जस्टिस सरोज यादव की खंडपीठ ने सुनवाई करने के बाद ज़मानत का आदेश पारित किया है।
क्या है मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप
इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मशहूर मौलवियों में से एक हैं। वह ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष भी हैं। वह जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाते हैं। उन्हें मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी सहित अन्य मुस्लिम विद्वानों के साथ यूपी ‘एंटी लव जिहाद’ कानून के तहत इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2021 में यूपी एटीएस ने दावा किया था कि उसने पिछले साल मोहम्मद उमर गौतम और कलीम सिद्दीकी के मार्ग दर्शन में चलाए जा रहे कथित अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जो अपनी योजना के तहत जबरन धर्मांतरण के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल कर रहे थे।
यह भी आरोप लगाया गया था कि सिद्दीकी धर्मों के विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और गैर-मुस्लिम संप्रदायों को धर्मांतरित करने और इस्लाम अपनाने के लिए प्रभावित करके भारत की संप्रभुता और अखंडता को बिगाड़ने में शामिल था। दरअसल, सिद्दीकी को गिरफ्तार करने के बाद, उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सिद्दीकी के बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण रैकेट से संबंध थे और उसने न केवल धर्मांतरण किया बल्कि इसके लिए मदरसों को पैसे भी दिए। उन्होंने आगे कहा था कि सिद्दीकी के ट्रस्ट को विदेश से पैसा मिलता है और मामले की जांच में पता चला है कि उसके ट्रस्ट को विदेश से 3 करोड़ रुपये मिले थे। याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट जिया उल कय्यूम की सहायता से सीनियर एडवोकेट आईबी सिंह पेश हुए।