मथुरा: जिला अदालत ने ईदगाह में अमीन सर्वे के सिविल कोर्ट के आदेश पर लगाया ईदगाह कमेटी की अर्जी पर रोक

शाहीन बनारसी

डेस्क: मथुरा ईदगाह में अमीन सर्वे को लेकर सिविल कोर्ट के आदेश पर मथुरा की एक अदालत ने आज बुद्धवार को ईदगाह कमेटी की अर्जी पर सुनवाई करते हुवे रोक लगा दिया है। बताते चले कि मथुरा जिले की एक सिविल कोर्ट ने 29 मार्च को ईदगाह विवाद मामले में ईदगाह का अमीन (जिन्हें अदालत के अधिकारी भी कहा जाता है) से सर्वे का आदेश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में अमीन को हुक्म दिया था कि वह 17 अप्रैल को कोर्ट को श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद मामले का दौरा करे, सर्वेक्षण करे, और एक आख्य रिपोर्ट मानचित्रों के साथ पेश करे।

इस ममाले में मथुरा ईदगाह समिति द्वारा दायर याचिका पर आज सिविल जज (सीनियर डिविज़न) की अदालत में सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने अपने हुक्म के तहत अमीन सर्वे पर 11 अप्रैल तक रोक लगा दी गई है, 11 अप्रैल को अदालत दोनों पक्षों को सुनकर ही आगे की कार्रवाई तय करेगी। गौरतलब हो कि अदालत ने 29 मार्च को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के जानिब से पेश होते हुवे एडवोकेट शैलेश दूबे द्वारा शाही ईदगाह परिसर पर कब्जा करने और वहां स्थित मौजूदा ढांचे को गिराने की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था।

यह ध्यान दिया जा सकता है कि विचाराधीन मुकदमे में वादी गुप्ता ने 13.77 एकड़ भूमि के स्वामित्व को चुनौती दी है, जिस पर ईदगाह बनी है। वाद में कहा गया है कि ईदगाह का निर्माण औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि पर श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़कर किया था। इसे देखते हुए वाद में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को अवैध बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है। यहाँ खुसूसी तौर पर गौर करने की बात ये है कि यह मुकदमा 17 वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि की संपत्ति पर बनाए जाने का दावा करते हुए अदालत के समक्ष दायर किए गए कई मुकदमों में से एक है।

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