मुज़फ्फरनगर दंगे के दरमियान गैंग रेप में दस साल बाद मिला इन्साफ, गैंगरेप आरोपी महेश्वीर और सिकंदर दोषी करार, तीसरे दोषी कुलदीप की हो चुकी है सुनवाई के दरमियान मौत, जल्द होगा सजा का एलान
आदिल अहमद
डेस्क: देर से ही सही मगर इन्साफ हेतु दस साल चली जंग में आखिर पीडिता को फ़तेह हासिल हुई है और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की एक निचली अदालत ने 2013 के दंगों के दरमियान एक महिला से सामूहिक बलात्कार के मामले में 2 आरोपियों को आईपीसी की धारा 376(2)(जी), 376-डी और 506 के तहत दोषी ठहराया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने आरोपी महेशवीर और सिकंदर को दोषी ठहराया है।
इस मामले में एक अन्य आरोपी कुलदीप की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। सजा का ऐलान जल्द ही होने की संभावना है। पीड़िता उन 7 महिलाओं में शामिल थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 2013 के दंगों के दौरान उनके साथ बलात्कार किया गया था। हालांकि, धमकियों के बीच, 6 महिलाओं ने अपने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया, केवल वर्तमान पीड़िता को अदालत में अपना मामला लड़ने के लिए छोड़ दिया। पीड़िता का प्रतिनिधित्व और सहायता सीनियर एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने की।
ये फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण सीनियर एडवोकेट वृंदा ग्रोवर और एडवोकेट कामिनी जायसवाल के माध्यम से सात महिलाओं द्वारा दायर याचिका में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। इस साल अप्रैल में, सीनियर एडवोकेट ग्रोवर ने मामले की फास्ट-ट्रैक सुनवाई की मांग करते हुए फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
अदालत के निर्देश के अनुसार, मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने उसके मामले की दैनिक आधार पर सुनवाई शुरू की और आज इस मामले में दो अभियुक्तों को दोषी ठहराया। पीड़िता को कथित तौर पर उसके गांव में रहने वाले तीन लोगों ने मारा-पीटा और उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता के पति पेशे से दर्जी थे। आरोपी उसके ग्राहक थे और उसके तीन महीने के बेटे को बंधक बनाकर रखा गया था।