ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया एएसआई को निर्देश बिना नुकसान पहुचाये मिली आकृति का करे वैज्ञानिक सर्वेक्षण
तारिक खान
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिली आकृति जिसको वादी मुकदमा द्वारा शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है और मस्जिद कमेटी द्वारा फव्वारा होने का दावा किया जाता है का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने साफ़ साफ़ एएसआई से कहा है कि यह सर्वेक्षण उक्त आकृति को बिना नुक्सान पहुचाये किया जाए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण निर्णय इस आकृति की उम्र का पता लगाये जाने हेतु किया है। जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा-I की खंडपीठ ने आज शुक्रवार को यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के 14 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली 4 महिला हिंदू उपासकों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया।
वाराणसी कोर्ट ने 14 अक्टूबर को ‘शिव लिंग’ की आयु पता करने के लिए इसकी वैज्ञानिक जांच करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। बताते चले कि ज्ञानवापी मस्जिद में बने वज़ुखाने के कुंड में एक आकृति को वादी मुकदमा द्वारा शिवलिंग होने का दावा किया गया था। जबकि अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी ने इस आकृति को वजूखाने का टुटा हुआ फव्वारा होने का दावा किया था। इस मामले में कई याचिकाए वाराणसी की निचली अदालतों में विचाराधीन है साथ ही हाई कोर्ट इलाहाबाद में भी विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट में भी इस सम्बन्ध में एक याचिका लंबित है।