वाराणसी निकाय चुनाव ओमकारलेश्वर (वार्ड नम्बर 80): सपा-कांग्रेस की मुख्य जंग में पलड़ा भारी सायकल का नजर तो आ रहा है
ईदुल अमीन
वाराणसी: प्रदेश में चल रहे निकाय चुनावों में पहले चरण का मतदान हो चूका है। इस पहले चरण में वाराणसी नगर निगम हेतु भी मतदान हो चूका है। प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है। महीने से चली आ रही चुनावी गहमा गहमी आराम तलब कर रही है। मतों की गिनती 13 मई को होगी। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईवीएम सुरक्षित प्रशासन ने रखवा दिया है।
इसी के साथ प्रत्याशियों और समर्थको के कौतुहल का विषय बना हुआ है कि आखिर जनता किसको जीत का सेहरा पहना रही है और किसके हिस्से हार आ रही है। सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक अपनी अपनी जीत का आकड़ा पेश कर रहे है। मगर इन सबके बीच वोटर खामोश है। मतदान के बाद भी खामोश मतदाता इस कौतूहलता को और भी बढ़ा रहे है। हमने इस वार्ड पर अपनी नज़र रखा हुआ था। हमारे विश्लेषण इस वार्ड में निकल रहे है जो आपके सामने पेश कर रहे है।
काफी बड़ा होने के बाद यह वार्ड चर्चा में है। यहाँ भाजपा ने मोहन की पत्नी को अपना टिकट देकर खड़ा किया है। वही सपा ने सलेमपुर वार्ड के वर्त्तमान पार्षद मुमताज़ खान की पत्नी शाजिया खान को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने अपने लिए जीत की हैट्रिक लगा चुके साजिद अंसारी की पत्नी को टिकट दिया है। इस सीट पर भाजपा कभी भी चुनावी जंग में नही आती है। लगभग ढाई वार्ड को मिलाकर बने इस वार्ड में मतदाताओं ने मतदान में कोई ख़ास दिलचस्पी नही दिखाई और महज़ 40 फीसद के करीब मतदान हुआ।
इस सीट पर मामला आमने सामने के मुकाबिल है। जिसमे साजिद अंसारी और मुमताज़ खान यानी दोनों ही दो अलग अलग वार्ड के पार्षद है। कांग्रेस और सपा तथा भाजपा के अलावा इस वार्ड में कोई और अन्य प्रत्याशी नही था। चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी तो चुनाव में उतारा मगर कभी भाजपा संघर्ष की स्थिति में नही थी। बुनकर बाहुल्य इलाका होने के कारण मतदान अधिक होने की लाख उम्मीद थी। मगर मतदान उतना हुआ ही नही। कांटे की टक्कर में शुरू हुआ मतदान आखिर जब समाप्त हुआ तो पलड़ा थोडा सरसरी तौर पर तो सपा का भारी दिखाई दे रहा है। मगर जितना अधिक हार जीत का अंतर होने की उम्मीद थी वह नही रहने की संभावना है। हार जीत का अंतर काफी कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है।