भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों के वीज़ा पर लगाई रोक

आदिल अहमद

डेस्क: एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों को वीज़ा देना बंद कर दिया है। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस ”ख़तरनाक ट्रेंड” से दोनों देशों के रिश्ते सामान्य बनाने पर असर पड़ सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि इस महीने भारत ने देश में बचे चीन के दो आख़िरी पत्रकारों के वीज़ा को फिर से जारी करने से इनकार कर दिया है। इनमें एक पत्रकार चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ से जुड़े हैं जबकि दूसरे चाइना सेंट्रल टेलीविज़न के हैं।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों की पहुंच लगभग समाप्त कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक़, इस साल की शुरुआत में भारतीय मीडिया संस्थानों के चार पत्रकार चीन में काम कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक़, इनमें से कम से कम दो पत्रकारों को वीज़ा नहीं दिया गया है। तीसरे पत्रकार को बताया गया है कि उसकी मान्यता वापस ले ली गई है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि चीन में रह रहे भारतीय पत्रकारों का वीज़ा इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत इस दिशा में चीन जैसा क़दम उठाता है या नहीं। प्रवक्ता ने भारत की आलोचना करते हुए कहा है कि भारत में चीन के मीडियाकर्मियों के साथ “भेदभावपूर्ण और अनुचित” व्यवहार किया जा रहा है।

भारत और चीन सीमा पर साल 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। 2020 के बाद से भारत ने चीन के पत्रकारों के लिए लंबी अवधि का वीज़ा जारी नहीं किया है। दिसंबर 2021 में भारत ने चीनी पत्रकारों को 10 दिन के अंदर वापस भेज दिया था जबकि उनके पास दो महीने का वैध वीज़ा था।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल ही में भारत ने देश में बचे आख़िरी चीनी पत्रकार का वीज़ा भी नहीं बढ़ाया और उसे वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा, “भारत में चीन के पत्रकार भेदभावपूर्ण और अनुचित रवैये का शिकार हैं। एक समय भारत में चीन के 14 पत्रकार थे, अब सिर्फ़ एक हैं।”

चीन की प्रवक्ता ने ये भी कहा कि ऐसी स्थिति में चीन भी इसी तरह के क़दम उठाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन चीन चाहता है कि दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और बराबरी का रिश्ता बना रहे जिससे दोनों देशों का फ़ायदा हो। उन्होंने कहा कि अगर भारत चीन के पत्रकारों को वीज़ा नहीं देगा तो चीन भी ऐसा ही क़दम उठाएगा।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *