चौकिए मत….! ये भी सरकारी स्कूल है साहब, जहाँ मिलती तमाम सुविधाएं, यूपीएस खंभारखेड़ा ने पेश की अनूठी मिसाल, बच्चों की प्रतिभा निखारने में जुटे हैं शिक्षक
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी: उच्च प्राथमिक विद्यालय खंभारखेड़ा के सामने बड़े-बड़े निजी स्कूलों की रंगत भी फीकी पड़ जाए। सदर तहसील, विकासखंड फूलबेहड़ के ग्राम खंभारखेड़ा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों ने प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में अथक प्रयास कर स्कूल को क्षेत्र में विशिष्ट बना दिया।
यूपीएस खंभारखेड़ा अपने उत्कृष्ट कार्यो से बेसिक शिक्षा का नाम रोशन कर रहा हैं। यहां शिक्षक घर-घर दस्तक देकर अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। वही बच्चों की प्रतिभा निखारने में भी पूरे जी-जान से जुटे हैं। डीएम की अभिनव पहल ‘best school of the week’ के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।
यहां मिलती है तमाम सुविधाएं :
चहूं ओर प्रेरक प्रसंगों से परिपूर्ण विद्यालय की दीवारें छात्र ,शिक्षकों व अभिभावकों को प्रेरित करती हैं। विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे, प्रोजेक्टर, इनवर्टर, पंखे, मल्टीपल हैंडवाश ग्रीन बोर्ड, प्रिंट रिच क्लासरूम, रनिंग वाटर,डी कंपोजर पर्याप्त खेल सामग्री माइक ,साउंड डाइस आदि उपलब्ध है। प्रत्येक सप्ताह के अंत में शिक्षकों संग बैठक कर शिक्षण विधियों पर चर्चा, पाठ योजना निर्माण, उपचारात्मक शिक्षण, अनुपस्थित छात्रों के माता पिता को प्रोत्साहित कर विद्यालय भेजने संबंधी योजनाएं बनाकर प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करना।
मोहिनी दीदी ने वेतन से स्कूल को दी एलसीडी, साइंस लैब को भी बनाया खास
विद्यालय की कर्मठ शिक्षिका श्रीमती मोहिनी श्रीवास्तव ने अपने प्रयासों से विद्यालय के भौतिक परिवेश के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाकर समाज में विद्यालय को विशिष्ट पहचान दिलाई। अध्यापक मोहिनी ने वर्ष 2019 में अपने वेतन से विद्यालय को एलसीडी क्रय कर भेंट की।उपकरणों से सुसज्जित आकर्षक विज्ञान मॉडल व बच्चों को आश्चर्यचकित करते प्रयोग शिक्षिका के मार्गदर्शन में बच्चे स्वयं करके सीखते हैं। विगत वर्षों में नौनिहालों ने राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और पुरस्कार जीते। विद्यालय से NMMS परीक्षा में वर्ष 2022 में गुरमीत सिंह व 2023 में निजा बानो का चयन हुआ।
प्रधानाध्यापक की पहल “शिक्षक-अभिभावक संवाद”
प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र सिंह अभिनव पहल के तहत शिक्षक अभिभावक संवाद कार्यक्रम चला रहे। इसके तहत शिक्षण दिवसों में प्रत्येक शिक्षक प्रतिदिन कम से कम दो अभिभावकों को फोन या संपर्क के जरिए बच्चे की शैक्षिक गतिविधि को साझा करते है। इससे अभिभावकों से विद्यालय का संपर्क बना रहता। संपर्क अभियान के दौरान शिक्षक अभिभावक से संवाद के जरिए अपील करते हैं कि बच्चों को रोजाना साफ-सुथरे ढंग से स्कूल भेजें। समय मिलने पर स्कूल आकर बच्चों की प्रगति का जायजा लें। हर महीने होने वाली एसएमसी की बैठक में आएं और अपने सुझाव जरूर दें। कुछ सीखने की उम्र में बच्चों से काम न कराएं। वर्तमान में विद्यालय की छात्र संख्या 400 प्लस है। क्षेत्रवासियों के अलावा अधिकारी भी यहां की सराहना करते है।
पुरातन छात्रों ने यूपीएस खंभारखेड़ा का नाम किया रोशन, कई अहम पदों पर दे रहे सेवाएं
यूपीएस खंभारखेड़ा के पुरातन छात्र एसएससी सीजीएल परीक्षा पास करते हुए केंद्रीय उत्पाद कर निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। वहीं दूसरा पुरातन छात्र भारतीय रिजर्व बैंक में बी ग्रेड के अधिकारी जो वर्तमान में आरबीआई मुख्यालय मुंबई में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। कई अन्य पुरातन छात्र कैनरा बैंक में पीओ और क्लर्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र सिंह कहते हैं यदि हम विद्यालय के बच्चों को पूरी क्षमता, लगन से नहीं पढ़ाएंगे तो ईश्वर हमारे बच्चों को कभी भी सफलता प्रदान नहीं करेगा। चाहे हम उनको कितने ही नामी-गिरामी महंगे स्कूलों में पढ़ा लें। ‘अगर हमे बच्चों को पढ़ाना है तो उनकी रूचि किस चीज में है इसपर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है, छोटे बच्चों की रूचि ज्यादातर खेलों में होती है इसलिए हमने अपने पढ़ाने के तरीकों में खेल-खेल में शिक्षण को अपना लिया है जिससे बच्चे बहुत आसानी से अपने पाठ्यक्रम को याद कर रहे हैं।‘ डॉ लक्ष्मी कांत पांडेय बीएसए, लखीमपुर खीरी ने कहा कि ‘उच्च प्राथमिक विद्यालय खंभारखेड़ा में ‘वाकई में अनूठे प्रयास किए गए है। इसका असर दिख रहा है। शिक्षकों की लगन की वजह से परिषदीय स्कूलों के प्रति लोगों की सोच बदली है।‘