मणिपुर: मुख्यमंत्री विरेन सिंह नही देंगे इस्तीफा, ट्वीट कर दिया जानकारी, उठा सवाल कि किसने फाड़ा इस्तीफा?

तारिक़ आज़मी

डेस्क: मणिपुर में पिछले 58 दिनों से जारी हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस समय बीजेपी सरकार पर हमला कर रहा है और मुख्यमंत्री एन विरेन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर दौरा किया था मगर मणिपुर में हिंसा उसके बाद भी कम होने का नाम नही ले रही है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे से पहले दिल्ली पहुचे मणिपुर के कुल 30 विधायको ने सरकार की हिंसा रोकने के नीतियों की आलोचना किया था। इन विधायको में 9 विधायक भाजपा सरकार का हिस्सा है और उन्होंने यहाँ तक कहा था कि सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है।

इस सबके बीच कल राहुल गाँधी मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रो के दौरों पर गए। कांग्रेस नेता के मणिपुर दौरे का एलान होते ही दिल्ली से लेकर मणिपुर तक सत्ता पक्ष ने राहुल के दौरे को सियासी खेल बताया था। मगर राहुल दो दिनों के दौरे पर मणिपुर गए और उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाको का दौरा किया। राहत कैम्पों में भी जाकर सभी के हालचाल लिए। कई वीडियो जारी करके कांग्रेस ने यह आरोप लगाया कि राहुल गाँधी को सरकार हिंसा प्रभावित क्षेत्रो में नही जाने दे रही है। एक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि राहुल की गाडी को रोकने वाले सुरक्षा बलों का विरोध महिलाए कर रही है। कांग्रेस का दावा है कि मणिपुर में राहुल को जाने से सरकार रोकना चाहती थी।

इस दरमियान आज सुबह खबरिया चैनल आज तक ने एक खबर प्रकशित किया कि मुख्यमंत्री एन विरेन सिंह इस्तीफा दे सकते है। उसके बाद कुछ वक्त गुज़रा था कि ट्वीटर पर एक फटे हुवे कथित इस्तीफे के साथ एक वीडियो वायरल होने लगा कि मुख्यमंत्री विरेन सिंह इस्तीफा देने वाले थे मगर जनता ने इस्तीफा फाड़ के फेक दिया। वायरल होने वीडियो में दिखाई देता है कि एक क्लोजअप पोज़ में एक सज्जन खड़े है। जो एक कागज़ जेब से निकालते है और एक बुज़ुर्ग महिला उनके हाथ से कागज़ लेकर फाड़ कर उनके ही हाथो के हवाले कर देती है। वीडियो क्लोज़अप पोज़ में है तो भीड़ कितनी थी इसका दावा तो हम नही कर सकते है। मगर भीड़ कुछ दिखाई दे रही है। फटा हुवे इस्तीफे पर आज यानी 30 जून की तारीख भी पड़ी हुई है।

इस वीडियो के वायरल होने के कुछ ही देर बाद समाचार आ गया कि एन बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। शुक्रवार, 30 जून की दोपहर उन्होंने इसकी पुष्टि कर दी। एन बीरेन सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट किया, वैसे ये अफवाह पहले से उड़ रही थी कि बीरेन राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर अपना इस्तीफा पत्र देने वाले हैं। वैसे सोशल मीडिया पर कई लोगों को इस्तीफे से जुड़ा ये प्रकरण ड्रामा लगा है। उन्होंने बीरेन सिंह के ट्वीट पर कॉमेंट कर उन पर इस्तीफे के नाम पर नाटक करने का आरोप लगाया है। इनमें कई विपक्षी दलों के लोग और राजनीतिक विरोधी शामिल हैं।

वही दूसरी तरफ ये भी बताया जा रहा है कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए कुकी और मैतेई समाज से दूसरे माध्यमों से बातचीत शुरू की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल उईके से जल्द ही कुकी समुदाय के प्रतिनिधि, विधायक, सिविल सोसायटी के लोग मिलने वाले हैं। वहीं सीएम बीरेन सिंह मैतेई समाज के वरिष्ठ लोगों, विधायकों और सिविल सोसायटी के लोगों से मुलाकात करेंगे। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री राज्य में हिंसा रोकने में पूरी तरह विफल रहे हैं। लिहाजा उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। विपक्ष की मांग है कि केंद्र को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।

बहरहाल फिलहाल की स्थिति ये है कि विरेन सिंह ने इस्तीफा नही दिया है। विपक्ष लगातार हमलावर है। हिंसा का दौर मणिपुर में जारी है। लोग राहत कैम्पों में रह रहे है। स्थिति ऐसी है कि कुकी और मैतेई समुदायों के बीच चल रही इस हिंसा ने कई गोदो को उजाड़ दिया है। कई मांग सुनी कर दिया है। कई बच्चे अनाथ हो चुके है। समूचा विपक्ष इस समय भाजपा सरकार पर हमलावर है। वही दूसरी तरफ मणिपुर भाजपा के अन्दर भी असंतोष दिखाई दे रहा है। कई विधायको से लेकर मंत्री के संपत्तियों को आगजनी का सामना इस हिंसा में करना पड़ा है।

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