ओडिशा ट्रेन हादसा: बालासोर जायेंगे पीएम मोदी, मददगार बनकर आये स्थानीय लोग, पढ़े क्या है “कवच” जिसकी हो रही खूब चर्चा
आदिल अहमद
डेस्क: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे वाली जगह का दौरा पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी शनिवार को ही कटक के अस्पताल जाकर घायलों से भी मिलेंगे। शनिवार सुबह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा सीएम नवीन पटनायक भी घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं। रेल मंत्री से जब हादसे की वजह पर सवाल किया गया तो वो बोले- हाई लेवल कमेटी बना दी गई है, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। पीएम मोदी ने दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग भी की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
PM Modi to go to Odisha today, will visit accident site and hospital: Govt sources
— Press Trust of India (@PTI_News) June 3, 2023
बताते चले कि ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 238 हो गई है। इसे भारतीय रेल इतिहास के सबसे बड़े हादसों में से एक माना जा रहा है। हादसे के बाद से रेलवे, एनडीआरएफ़ और सेना की टीमें राहत और बचाव के काम में जुट गईं। स्थानीय लोगों ने भी इनकी उल्लेखनीय मदद की। ओडिशा के जिन अस्पतालों में घायलों को भर्ती कराया गया है, वहां बड़ी संख्या में लोग खून देने और मदद करने पहुंच रहे हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ऐसे सभी लोगों को शुक्रिया कहा है। वहीं ओडिशा के चीफ़ सेक्रेट्री प्रदीप जेना ने इसे अच्छा संकेत बताया। जेना ने बताया, “लोग ख़ुद ही ख़ून देने के लिए आगे आ रहे हैं। मुझे कई जगहों से संदेश मिले हैं। ये अच्छा संकेत है।”
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi chairs a high-level meeting to review the situation in relation to the #BalasoreTrainAccident pic.twitter.com/QKIhB0tfU4
— ANI (@ANI) June 3, 2023
चीफ़ सेक्रेट्री ने बताया कि हादसा होने के बाद से ही स्थानीय लोगों ने बचाव में लगी टीमों की काफी मदद की है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, “मैं स्थानीय लोगों और स्थानीय टीमों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए पूरी रात काम किया।” मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, ”रेलवे सुरक्षा को हमेशा पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए।” वही अस्पताल में ख़ून देने के लिए पहुंचे स्थानीय निवासी सुधांशु ने बताया कि हादसा देखने के बाद वो ख़ुद को रोक नहीं सके।
#BharatKaKavach
Kavach : Automatic Train Protection (ATP) Systems. pic.twitter.com/2XVJYxNCoN— East Central Railway (@ECRlyHJP) March 4, 2022
सुधांशु ने कहा, “मैंने देखा, कल बालेश्वर में जो ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था बहुत से लोग मर गए। अभी लोग अस्पताल में आ रहे हैं। उनकी स्थिति बहुत नाजुक है। यहां बातचीत हो रही थी, (मदद की) बहुत आवश्यकता है। मैं संभाल नहीं पाया खुद को और मैंने जाकर ब्लड दे दिया। शायद किसी की जान बच सके। कोई अपने घर जा सके।” वहीं, कटक के निवासी विभूति शरण ने बताया, “हादसा देखने के बाद मेरे मन में दुख हुआ इसलिए मैं ब्लड देने आया हूं। मेरे दोस्तों ने भी खून दिया है।”
–@AshwiniVaishnaw जी, ओड़िसा के बालासोर में तीन ट्रेंस का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना सुरक्षा में भारी चूक है।
कहाँ गई #KAVACH प्रणाली? क्या ये सुरक्षा कवच भी केवल अमीर लोगों की लक्ज़री ट्रेंस को दी जाएगी?
इस हादसे की ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा कौन देगा आप या ट्रेनों को हरी… pic.twitter.com/XXMVKDnj8Z
— Netta D'Souza (@dnetta) June 3, 2023
ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद से विपक्ष और एक्सपर्ट सरकार को घेर रहे हैं। विपक्षी दलों के नेता और सोशल मीडिया पर कई लोग ट्रेन हादसे के बाद ये सवाल उठा रहे हैं कि आख़िर इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ”हादसे के बाद हाई लेवल कमेटी बनाई गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।’ वही इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर “कवच” की भी चर्चा हो रही है। कवच यानी वो सिस्टम जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके ज़रिए रेल हादसों को रोका जा सकता है। दावा किया गया था कि अगर दो ट्रेनें एक ट्रैक पर आ रही हों तो ये सिस्टम दोनों ट्रेनों को रोक देगा।
#WATCH | The rescue operation has been completed, now we are starting the restoration work. Kawach was not available on this route: Amitabh Sharma, Railways Spokesperson on #BalasoreTrainAccident pic.twitter.com/s8Q0Kb4goE
— ANI (@ANI) June 3, 2023
बताते चले कि कवच सिस्टम मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था। सरकार की योजना के मुताबिक़, कवच के तहत 2000 किलोमीटर के रेल नेटवर्क को कवर किया जाना था। सरकार इस दिशा में काम कर रही थी और रेल रूट्स को इसके ज़रिए कवर किया जा रहा था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस पुराने वीडियो में अश्विनी वैष्णव कहते दिखते हैं, ”हम अपना एक सिस्टम कवच बना रहे हैं। कवच यूरोप के सिस्टम से भी ज़्यादा बेहतर है। हमने एक टेस्ट भी किया। इस टेस्ट में एक ट्रेन में मैं भी सवार था। एक ही ट्रैक पर दो तरफ़ से हाई स्पीड में ट्रेनें आ रही थीं। ठीक 400 मीटर की दूरी पर कवच सिस्टम ट्रेनों को ख़ुद से रोक देता है। मैं इंजीनियर था तो मैंने इन ट्रेनों में बैठने का रिस्क ख़ुद लिया और इसका परीक्षण किया। मैं बहुत आत्मविश्वास से भरा था।”
#WATCH | Outside visuals from Cuttack's SCB Medical College
Injured people are being brought here. I felt that I should donate blood. I hope it will save some lives. I appeal to youth to come and donate their blood, says Sudhanshu, a local #BalasoreTrainAccident pic.twitter.com/yotJtyoJFm
— ANI (@ANI) June 3, 2023
ऐसे में जब ये सवाल उठ रहा है कि आख़िर बालासोर में हुए हादसे को कवच के कारण क्यों नहीं रोका गया? इसका जवाब रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने दिया। शर्मा ने कहा, ”कवच सिस्टम रूट के आधार पर होता है। दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली बॉम्बे रूट पर ही फिलहाल कवच सिस्टम को लगाया जा रहा है। प्रक्रिया में है। जिस रूट पर हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम शुरू नहीं हुआ था।”