ओड़िसा ट्रेन हादसा: असिस्टेंट स्टेशन मास्टर मोहंती सहित इन पांच कर्मचारियों का नाम आया सामने, क्या आई ‘गलती’ पकड में ?
तारिक़ आज़मी
डेस्क: ओडिशा के बालासोर स्थित बहानगा बाजार स्टेशन के पास विगत 2 जून को ये हादसा हुआ था। यहां चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। ये डिब्बे पास वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे। हादसे में 288 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
अब इस दुर्घटना के जिम्मेदारो की खोजबीन और दुर्घटना के कारणों पर चल रही जांच में असिस्टेंट स्टेशन मास्टर सहित कुल पानाच रेलवे कर्मी जाँच के दायरे में आये है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, चार अन्य कर्मचारी सिग्नल से संबंधित काम करते हैं और दुर्घटना वाले दिन वो ड्यूटी पर थे। इस हादसे की जांच सीबीआई और सीआरएस कर रही हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक वरिष्ठ रेल अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती और चार रेलकर्मी जांच के दायरे में हैं। हालांकि, जब तक सीआरएस की अंतरिम रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती तब तक वो अपना काम करते रहेंगे। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ घटना का प्रमुख कारण हो सकता है।
वहीं हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक सीबीआई अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि घटना वाले दिन चार इलेक्ट्रिकल सिग्नल कर्मचारी रख-रखाव वाले काम के लिए बहनागा बाजार में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार काम पूरा होने के बाद ऑन-ड्यूटी असिस्टेंट स्टेशन मास्टर के साथ मिलकर वो सिग्नल का परीक्षण करने वाले थे। लेकिन ऐसा करने से पहले ही वो चले गए थे। यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि बहानगा बाजार स्टेशन के पास लगे लोकेशन बॉक्स में छेड़छाड़ की गई थी। सिग्नल टेक्नीशियन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल देने के लिए लोकेशन बॉक्स के लूप में बदलाव कर दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में चली गई। जहां खड़ी एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि लोकेशन बॉक्स में की गई छेड़छाड़ की जानकारी सामने आते ही रेल मंत्रालय ने सभी लोकेशन बॉक्स को सुरक्षित रखने के लिए डबल लॉक लगाने का फैसला किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में स्टेशन के ‘रीले रूम्स’ को डबल लॉक से सुरक्षित किया जाता है। सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले और स्टेशन मास्टर के पास इन लॉक्स की चाबी मौजूद होती है। वहीं, लोकेशन बॉक्स में सिर्फ एक लॉक होता है। जिसकी चाबी सिग्नल व्यवस्था की देखरेख करने वाले शख्स के पास होती है। इसी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने डबल लॉक लगाने का फैसला किया है।