तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी0 सेंथिलबालाजी को ईडी ने हिरासत में लिया
आफ़ताब फारुकी
डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी0 सेंथिलबालाजी को हिरासत में लिया है। हिरासत में लेने से पहले ईडी की एक टीम ने चेन्नई स्थित उनके आवास पर उनसे 18 घंटे की पूछताछ की थी। देर रात लगभग दो बजे सेंथिलबालाजी को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया। युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन, स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम और पीडब्ल्यूडी मंत्री ईवी वेलू अस्पताल में सेंथिलबालाजी से मिलने पहुंचे।
#WATCH | Tamil Nadu Electricity Minister V Senthil Balaji breaks down as ED officials took him into custody in connection with a money laundering case and brought him to Omandurar Government in Chennai for medical examination pic.twitter.com/aATSM9DQpu
— ANI (@ANI) June 13, 2023
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि पार्टी क़ानूनी उपायों पर विचार करेगी और “बीजेपी की धमकी और दबाव के आगे नहीं झुकेगी।” हिरासत में लिए जाने से पहले ईडी ने 13 जून को सेंथिलबालाजी के दफ़्तर, राज्य सचिवालय और उनसे जुड़ी कई जगहों पर पहले छापे मारे थे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बीजेपी पर ईडी का इस्तेमाल कर पीछे के दरवाज़े से डराने का आरोप लगाया।
छापे की कड़ी आलोचना करते हुए कहा- “यह मायने नहीं रखता कि छापेमारी किस पर की गई, लेकिन यह मायने रखता है कि छापेमारी कहां की गई। सचिवालय में छापेमारी करना संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ है।” इस छापे की शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीताराम येचुरी, अरविंद केजरीवाल , ममता बनर्जी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने आलोचना की है।
The raid conducted by ED at the Secretariat office of Hon'ble Minister Senthil Balaji, is a direct assault on the federal principle.
The backdoor tactics of BJP against its political opponents will not yield them desired results. BJP will learn it the hard way soon. The silence… pic.twitter.com/lic3uAcSHO
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 13, 2023
वही अब तक ईडी ने इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है। हालांकि माना जा रहा है कि उन्हें साल 2011-15 के बीच हुए कथित नौकरी घोटाले के मामले में हिरासत में लिया गया है। ये मनीलॉन्ड्रिंग का मामला उस समय हुआ जब सेंथिलबालाजी जयललिता सरकार में परिवहन मंत्री थे। आरोप है कि महानगर परिवहन निगम में नौकरी के लिए रिश्वत मांगी गई थी।