सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना कर रहीं ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ की पत्रकार सबरीना सिद्दीक़ी का दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ ने किया समर्थन, पढ़ें क्या था मामला
आफ़ताब फारुकी
डेस्क: सोशल मीडिया पर उत्पीड़न का सामना कर रहीं ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ की पत्रकार सबरीना सिद्दीक़ी का दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ ने समर्थन किया है। संघ ने ट्वीट करते हुए लिखा, “हम अपनी सहयोगी सबरीना सिद्दीक़ी के प्रति अपना समर्थन जाहिर करना चाहते हैं जो कई दक्षिण एशियाई और महिला पत्रकारों की तरह, केवल अपना काम करने के लिए उत्पीड़न का सामना कर रही हैं। प्रेस की स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र की पहचान है और पीएम मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करते हैं।”
We want to express our continued support of our colleague @SabrinaSiddiqui who, like many South Asian and female journalists, is experiencing harassment for simply doing her job. Press freedom is the hallmark of any democracy and PM Modi leads the world's largest democracy. https://t.co/rbvKpk7vUo
— SAJA (@sajahq) June 24, 2023
पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान सबरीना ने उनसे भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार, लोकतंत्र और प्रेस पर कथित हमले से जुड़ा सवाल किया था। सवाल करने के बाद से सबरीना को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उन्हें पाकिस्तानी बताया जा रहा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी सबरीना के सवाल को दुर्भावना से प्रेरित सवाल बताया था।
वहीं इंडियन अमेरिकन्स नाम के ट्विटर हैंडल ने सबरीना को पाकिस्तानी इस्लामिस्ट बताया था और कहा था कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घात लगाकर पीएम मोदी पर हमला किया है। उनका आरोप था कि सबरीना ने पाकिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर आज तक एक शब्द भी नहीं बोला है। वे सिर्फ भारत हमला करती हैं और नफरत पाकिस्तानियों के डीएनए में है। शनिवार को खुद सबरीना ने ट्रोल करने वालों को जवाब दिया था।
उन्होंने लिखा था, ” कुछ लोग मेरी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि को मुद्दा बना रहे हैं, ऐसे में मैं पूरी तस्वीर साफ़ करना सही समझती हूं। कई बार पहचान जैसी दिखती है, उससे कहीं अधिक जटिल होती है।” ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक, सबरीना सिद्दीक़ी वाशिंगटन डी0सी0 में उनके लिए व्हाइट हाउस रिपोर्टर हैं, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कवर करती हैं। 2019 में ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ में शामिल होने से पहले उन्होंने गार्जियन अखबार के लिए व्हाइट हाउस और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को कवर किया था। सिद्दीक़ी, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और फिलहाल अपने पति के साथ अमेरिका के वाशिंगटन में रहती हैं।
बताते चले कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल की पत्रकार सबरीना सिद्दीक़ी ने पीएम मोदी से सवाल पूछा। सिद्दीक़ी ने पीएम मोदी से पूछा, “आप और आपकी सरकार आपके देश में मुसलमानों समेत दूसरे समुदायों के अधिकारों को बेहतर बनाने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को सुनिश्चित करने के लिए कौन से क़दम उठाने के लिए तैयार हैं।”
इस पर पीएम मोदी ने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आप कह रहे हैं कि लोग कहते हैं…लोग कहते हैं नहीं, भारत एक लोकतंत्र है। और जैसा राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है।”
मोदी ने कहा, ”लोकतंत्र हमारी स्पिरिट है। लोकतंत्र हमारी रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं। और हमारे पूर्वजों ने उसे शब्दों में ढाला है, संविधान के रूप में। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों को आधार बनाकर बने हुए संविधान के आधार पर चलती है। हमारा संविधान और हमारी सरकार…और हमने सिद्ध किया है कि लोकतंत्र कैन डिलिवर।”
”और जब मैं डिलीवर शब्द का प्रयोग करता हूं तो जाति, पंथ, धर्म या लैंगिक स्तर पर किसी भी भेदभाव की वहां जगह नहीं होती है। और जब लोकतंत्र की बात करते हैं तो अगर मानवीय मूल्य नहीं हैं, मानवता नहीं है, मानवाधिकार नहीं हैं, फिर तो वो डेमोक्रेसी है ही नहीं। और इसलिए जब आप डेमोक्रेसी कहते हैं, जब उसे स्वीकार करते हैं, और जब हम डेमोक्रेसी को लेकर जीते हैं, तब भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता।
और इसलिए भारत सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलभूत सिद्धांतों को लेकर हम चलते हैं। भारत में सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ सभी को उपलब्ध हैं, जो भी उनके हक़दार हैं, वो उन सभी को मिलते हैं। इसलिए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है। न धर्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न उम्र के आधार पर, और न भूभाग के आधार पर।”