हिंसाग्रस्त मणिपुर हथियार लूटने के मामले में जांच करने पहुची सीबीआई टीम को ग्रामीणों ने शस्त्रागार में जाने से रोका, बिना जाँच वापस लौटी मौके से टीम
शाहीन बनारसी
मणिपुर में पिछले 50 दिनों से हिंसा का दौर जारी है। इस बीच शांति के प्रयासों को भी कोई ख़ास सफलता नही मिली है। मणिपुर में छिटपुट हिंसा की खबरें अभी भी आ रही है। वही सबसे बड़ा मुद्दा आवाम के बीच सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों/अधिकारियों के प्रति अविश्वास है। पिछले दिनों भाजपा के विधायको ने भी प्रधानमन्त्री को पत्र लिख कर कहा था कि सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है।
इंफाल फ्री प्रेस के एक समाचार के अनुसार, पांगेई गांव के 2,000 निवासियों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं, ने गुरुवार को सीबीआई की टीम, जो मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के शस्त्रागार से हथियारों और गोला-बारूद के बड़े जखीरे की लूट की जांच करने पहुंची थी, को परिसर में घुसने नहीं दिया, उक्त समाचार के अनुसार गुरुवार को दोपहर करीब 3:30 बजे पहुंची सीबीआई टीम महिलाओं में कॉलेज के मुख्य द्वार पर धरने के चलते अंदर न जा पाने के बाद वहां से चली गई। बताते चले कि राज्य में पचास दिनों से अधिक जारी हिंसा के बीच लूटे गए हथियार और गोला-बारूद राज्य में शांति के लिए खतरा बने हुए हैं। अब तक यहां सौ से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों के घर नष्ट हो गए हैं। विस्थापितों की संख्या 50,000 से ज्यादा मानी जा रही है।
इम्फाल फ्री प्रेस में प्रकाशित समाचार हेनगांग थाने में पांगेई से चुराए गए हथियारों को बरामद करने के लिए मामला दर्ज किया था। एफआईआर में लिखा है कि 5,000 लोगों की भीड़ ने शस्त्रागार में ड्यूटी पर मौजूद लोगों पर हमला किया, चार कमरों के ताले तोड़ दिए और कई हथियार और गोला-बारूद ले गए। परिसर में 7वीं इंडिया रिजर्व बटालियन के शस्त्रागार से लिए गए सूचीबद्ध हथियारों में 157 अदद इंसास राइफलें, 54 अदद एसएलआर, 34 अदद 9 मिमी कार्बाइन, 22 अदद इंसास एलएमजी और 19 अदद 9 मिमी पिस्तौल शामिल हैं। एमपीटीसी द्वारा बनाए गए दो कमरों से, उठाए गए हथियारों में 18 इंसास राइफलें, एक एके -47, 44 एसएलआर, पांच जेवीपीसी, एक 51 मोटर और 91 0.303 राइफलें शामिल हैं।