मणिपुर में जारी हिंसा के बीच भारतीय सेना का आरोप, कहा स्थानीय महिला एक्टिविस्ट सुरक्षाबलों के काम में कर रही हस्तक्षेप
संजय ठाकुर
डेस्क: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच भारतीय सेना का कहना है कि स्थानीय महिला एक्टिविस्ट जानबूझकर उनका रास्ता रोकती हैं और सुरक्षाबलों के काम में हस्तक्षेप कर रही हैं। ये न केवल ग़ैरकानूनी बल्कि राज्य की क़ानून औऱ सुरक्षा व्यवस्था के लिए नुक़सानदायक है।
Women activists in #Manipur are deliberately blocking routes and interfering in Operations of Security Forces. Such unwarranted interference is detrimental to the timely response by Security Forces during critical situations to save lives and property.
🔴 Indian Army appeals to… pic.twitter.com/Md9nw6h7Fx— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 26, 2023
इससे पहले सोमवार को एक वीडियो संदेश जारी कर भारतीय सेना ने ऐसे कई घटनाक्रमों को दर्शाया था, जहां मणिपुर की महिलाएं उग्रवादियों के लिए ढाल का काम कर रही हैं और जानबूझकर सेना के ऑपरेशन में रोड़े अटका रही हैं।
सेना ने वीडियो के ज़रिए आम लोगों से सहयोग करने की अपील की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ख़ुद माना है कि कई इलाक़ों में महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और इस वजह से सुरक्षा बलों के लिए वहां घुसना मुश्किल हो रहा है। उन्हें डर है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ कड़ाई की गई तो हालात और संगीन मोड़ ले सकते हैं।
बीते 24 जून को सेना को विद्रोही ग्रुप केवाईकेएल के 12 कैडरों को छोड़ना पड़ा क्योंकि उनके समर्थन में बड़ी तादाद में महिलाएं सामने आ गई थीं। राज्य में फिलहाल 40 हज़ार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इनमें भारतीय सेना के सैनिक, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस बल के लोग शामिल हैं। लेकिन इसके बावजूद हिंसा रुक नहीं रही है।