ओड़िसा ट्रेन हादसा: बुलेट ट्रेन का ख्वाब क्या रेलवे की इतनी बड़ी लापरवाही के साथ मुनासिब है ? पढ़े इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार क्या आई रेलवे की लापरवाही सामने
तारिक़ आज़मी
डेस्क: सरकार दावे करे या न करे मगर आपका पसंदीदा चैनल आपको ये ज़रूर बताता है कि हमारे देश में बुलेट ट्रेन आने वाली है। वन्दे भारत को उपलब्धि गिनवाने वाला आपका पसंदीदा चैनल और अख़बार आपको उसी में आपको खुश करता है जिसमे आपको बताया जाता है कि सुपर फ़ास्ट स्पीड में ये ट्रेन दौड़ती है। बेशक ये भी बताने की ज़रूरत रहती है कि कभी मवेशियों से तो कभी अन्य पशुओ से टकराने के कई हादसे हुवे है। बेशक इस प्रकार की दुर्घटनाओ में कोई जनहानि नही हुई है। मगर दुर्घटनाये तो है।
कल देर शाम हुवे ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे को 24 घंटे गुज़र चुके है। मिल रही जानकारी के अनुसार इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती है कि इस राहत और बचाव कार्य हेतु काम चल रहा है। वही दूसरी तरफ रेलवे की तरफ से कुछ जवाबों की तलाश किया जा रहा है कि हादसे का कारण क्या था? अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हादसे की वजह सिग्नल व्यवस्था में आई दिक्कत हो सकती है।
बेशक आपको ये जानकारी आपका पसंदीदा अख़बार और चैनल नही दिखा रहा होगा। क्योकि इसमें आपको नफरतो का एंगल नही मिलेगा। रेल हादसे के जगह मौत अपना विकराल रूप दिखा चुकी है। मौत के ठहाको और ग़मज़दा सिसकियो के बीच अपनों की तलाश जारी है। हादसों के कारणों की जाँच कर रही रेलवे की टीम कुछ निष्कर्ष निकाल चुकी है। इंडियन एक्सप्रेस ने रेलवे सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित किया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे की एक संयुक्त निरीक्षण टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को तय मेन लाइन से गुज़रने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था, और फिर इसे बंद कर दिया गया। लेकिन ट्रेन लूप लाइन में प्रवेश कर गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस बीच, डाउन लाइन पर यशवंतपुर से सुपरफास्ट एक्सप्रेस आ गई और इसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे सुरक्षा के कमिश्नर हादसे से जुड़े एक-एक पहलू की जांच करेंगे। इधर अधिकारी सिग्नल व्यवस्था और लोको पायलट से जुड़ी बारीकियों की जांच कर रहे हैं। हादसे की वजह पर अभी तक रेलवे की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इससे पहले रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि बचाव का काम पूरा हो गया है और मरम्मत का काम चल रहा है। इधर रेल मंत्री हादसे की जगह पर पहुंच चुके हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हादसा स्थल का निरिक्षण किया।
इस हादसे से शुरुआत में जानकारी आई थी कि बहानगा बाजार स्टेशन के पास दो ट्रेन टकराई हैं। बाद में पता चला कि हादसे में तीन ट्रेन शामिल हैं। पता चला कि पहले चेन्नई की तरफ जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई और उसके कुछ डिब्बे तीसरे ट्रैक पर पहुंच गए। इस बीच तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस ट्रैक पर मौजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गई। हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस विपरीत दिशा से आ रही थी।