वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के फुलवरिया चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय ने 80 दिनों की जी-तोड़ मेहनत के बाद अपहृत 1 साल मासूम ‘बाहुबली’ को पश्चिम बंगाल से बरामद कर पहुचाया सही सलामत उसके माँ-बाप की गोद में
ए0 जावेद
वाराणसी: अक्सर अलोचनाओ की शिकार रहने वाले पुलिस ऐसे भी बड़े काम कर जाती है जिसके जानने के बाद हर शख्स जिसके अन्दर इंसानियत है वह इज्ज़त से झुक जाता है। सियाह अँधेरे में तिनको की तलाश कर असली गुनाहगारो की गर्दन तक पहुच बनाना आसान तो नही होता है। मगर ऐसा कारनामा किया वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के फुलवरिया चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय ने। जिन्होंने 80 दिनों की जी-तोड़ मेहनत के बाद अपहृत 1 साल के मासूम ‘बाहुबली’ को पश्चिम बंगाल से बरामद कर उसके माँ बाप के गोद में पहुचाया, जो अपने बच्चे के मिलने की उम्मीद ही खो बैठे थे।
मामला कैंट थाना क्षेत्र का है। जहा के कटिंग मेमोरियल के रहने वाले दंपत्ति पिंकी और तपन ने 30 अप्रैल के दिन कैंट पुलिस को लिखित सुचना प्रदान किया कि उनका बेटा ‘बाहुबली’ जिसकी उम्र अभी 1 साल भी नही हुई है, का अपहरण हो गया है। काफी तलाशा मगर कोई सुराग नही मिल रहा है। मामले में मुकदमा उसी दिन दर्ज कर प्रकरण के खुलासे हेतु कैंट इस्पेक्टर ने फुलवरिया चौकी इंचार्ज एसआई सौरभ पाण्डेय, एसआई वैभव कुमार शुक्ला और का0 अनुज कुशवाहा की टीम गठित किया। मामला काफी पेचीदा था। क्योकि अपहरणकर्ता का कोई सुराग नही था। मामले में पुलिस टीम एक एक सीसीटीवी कैमरे की निगरानी करने लगी।
इसी निगरानी में एक चेहरा प्रकाश में आया, मगर उसकी शिनाख्त मुश्किल हो रही थी। शिनाख्त करने में पुलिस टीम ने अपनी हर एक हुनर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वक्त गुज़रता गया, इसी दरमियान 16 जुलाई को एसआई सौरभ पाण्डेय को ज़रिये मुखबिर उस व्यक्ति की शिनाख्त मालूम चली जो बच्चे को लेकर फरार हो रहा था। उसकी शिनाख्त कोडरमा जनपद के ग्राम नारियाही पोस्ट जामु थाना मरकच्चो निवासी कुलदीप पासवान उर्फ कुलदीप राम (29) के रूप में हुई। शिनाख्त मिलते ही पुलिस टीम कोडरमा रवाना हो गई। सबसे बड़ी चिंता पुलिस टीम को थी बच्चे ‘बाहुबली’ की सुरक्षा को लेकर।
स्थानीय थाने की पुलिस और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के सर्विलास टीम के सहयोग से पुलिस टीम ने कुलदीप को रास्ता चलते सन्नाटे इलाके से उठा लिया। कुलदीप पुलिस को देख कर चौक गया था मगर उसके भागने का रास्ता ही नही था। तत्काल ही गाडी में कुलदीप से पूछताछ शुरू हुई तो पहले तो पुलिस को कुलदीप गुमराह करने की कोशिश में था, मगर कोई बचने का रास्ता न देख कुलदीप ने बच्चे का पता बता ही दिया। कुलदीप ने बताया कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना स्थित इंटेली निवासी नंदलाल राम के पास बच्चा है। मगर वह खतरनाक और शातिर अपराधी है तथा मेरी गिरफ्तारी उसको मालूम पड़ी तो वह भाग जायेगा अथवा बच्चे को हानि पंहुचा सकता है।
परिस्थियों के सम्बन्ध में एसआई सौरभ पाण्डेय ने अपने उच्चाधिकारियों को फोन पर अवगत करवाया और अनुमति प्राप्त कर कोडरमा से ही 24 परगना पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गये। कुलदीप का ट्रांजिट रिमांड पुलिस को वहाँ की अदालत से मिल चूका था। जहा नियमानुसार छापेमारी कर सीआईटी रोड़ इन्टैली 24 परगना कोलकाता पश्चिम बंगाल से अभियुक्त नंदलाल राम (24) मूल निवासी खेरा सिंघा घोरथम्बा थाना धनवर जनपद गिरिडीह झारखण्ड को एक मशक्कत के बाद स्थानीय पुलिस के सहयोग से दिनांक 20।07।23 को गिरफ्तार कर उसके पास से अपहृत मासूम बच्चे ‘बाहुबली’ को सकुशल बरामद किया और विधिक कार्यवाही कर वाराणसी लेकर आज शुक्रवार को पहुचे।
पुलिस ने विधिक कार्यवाही करते हुवे दोनों आरोपियों को वाराणसी की अदालत में पेश किया, जहाँ से अदालत ने उन्हें अभिरक्षा में जेल भेज दिया। मासूम बाहुबली को बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा स्नेहा उपाध्याय के समक्ष प्रस्तुत कर उसकी मां पिंकी और पिता तपन की संरक्षण में दिया गया। 80 दिनों बाद अपने लाल को सही सलामत देख कर दोनों की आँखे ने जार-ओ-कतार रोना शुरु कर दिया। उन्होंने पुलिस की भूरी भूरी प्रशंसा किया और शुक्रगुज़ार हुवे। आखिर 80 दिनों के बाद ‘बाहुबली’ अपने माँ बाप के गोद में जाकर खिलखिला रहा है।