मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती में कथित धांधली के लग रहे आरोपों और हंगामे के बाद सीएम शिवराज ने लगाया भर्ती पर रोक, कहा ‘एक ही सेंटर के कई अभ्यर्थियों के पास होने की होगी जाँच’
तारिक़ खान
डेस्क: मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कथित रूप से धांधली के आरोपो पर हो रहे हंगामे के बाद आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फिलहाल भर्ती पर रोक दी है। शिवराज ने कहा है कि संदिग्ध सेंटर के परिणाम की फिर से जांच की जाएगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस यह जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से दिया है।
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 13, 2023
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुवे करते हुए लिखा है कि ‘कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम का पुन: परीक्षण किया जाएगा।’
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणामो की घोषणा के बाद से ये आरोप लग रहे थे कि ज्यादातर टॉपर वो हैं जिन्होंने ग्वालियर के एक एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी। इस पर शक तब और गहराया जब मंडल की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट ही जारी नहीं की गई। छात्रों ने मांग की कि टॉपर लिस्ट जारी हो और किसने कहां पेपर दिया है ये भी बताया जाए।
आखिरकार, 10 जून को टॉपर लिस्ट जारी की जाती है। और सामने आता है कि टॉप 10 में से 7 कैंडिडेट्स ने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज एग्जाम सेंटर में परीक्षा दी थी। उसके बाद से सवाल उठने लगे कि क्या वाकई ऐसा संभव है कि एक ही एग्जाम सेंटर में परीक्षा देने वाले ज्यादातर लोग टॉप कर जाएं? या फिर सब कुछ पहले से तय था? इसके बाद कल गुरूवार 13 जुलाई को इस मसले पर एमपी के कई शहरों के कलेक्टर ऑफिस पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किए। हालांकि हालांकि, शाम ढलते-ढलते भर्ती को टालने का ऐलान खुद मुख्यमंत्री ने कर दिया।