अजीत पवार फिर ‘सत्ता के साथ’: कई विधायको सहित शामिल हुवे शिंदे सरकार में और बने 4 साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम, बोले शरद पवार ‘जनता बताएगी एनसीपी किसकी है’, पढ़े सियासी भूचाल पर सियासत की राय
तारिक़ आज़मी
डेस्क: कई दिनों से यह अटकल चल रही थी कि अजीत पवार भाजपा के संपर्क में है और कभी भी कोई बड़ा फैसला हो सकता है। आज इस अटकल को मुकाम मिला और अजीत पवार ने एक बार फिर सत्ता का साथ पकड़ लिया है। पिछले 4 वर्षो में अजीत पवार तीसरी बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने है। अजीत पवार के लंबे समय से बीजेपी के साथ बातचीत की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन उन्होंने पहले कभी खुलकर इस बारे में बात नहीं की थी।
इसी के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति ने एक बार फिर करवट ले ली है। अजीत पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे है और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता में उनकी गिनती होती है। अजीत पवार के साथ एनसीपी के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले छगन भुजबल भी सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्होंने मंत्री के रूप में शपथ ली है। उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर अजीत पवार ने कहा कि उन्होंने एनसीपी के तौर पर ही महाराष्ट्र की सरकार को अपना समर्थन दिया है और अगले चुनाव में वो एनसीपी नाम और एनसीपी के चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरेंगे।
प्रेस कान्फ्रेंस में अजीत पवार और छगन भुजबल के साथ प्रफुल्ल पटेल भी दिखे। प्रफुल्ल पटेल को कुछ दिनों पहले ही शरद पवार ने पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। वहीं, शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अजित पवार ने उनसे कोई बात नहीं की। शरद पवार ने कहा, ‘एनसीपी किसकी है, ये लोग तय करेंगे।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर भी निशाना साधा। साथ ही एनसीपी के प्रवक्ता ने साफ़ साफ़ कहा है कि इस शपथ ग्रहण का एनसीपी से कोई लेना देना नही है।
इसके पहले अजीत पवार और छगन भुजबल समेत एनसीपी के कुल नौ नेता मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। ये नेता अब एनडीए सरकार का हिस्सा बन गए हैं और प्रदेश की मौजूदा बीजेपी-शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट) को समर्थन दे रहे हैं। अजीत पवार अभी तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। मगर अब वह एक बार फिर से डिप्टी सीएम बन चुके है। इसके पूर्व वह फंडनवीस को समर्थन देकर डिप्टी सीएम बने थे, मगर सरकार फ्लोर टेस्ट भी नही गुज़ार सकी और खुद ही इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद अजीत पवार की घर वापसी हो गई थी। घर वापसी के बाद उद्धव सरकार में भी अजीत पवार डिप्टी सीएम पद पर थे। अब चार सालो में तीसरी बार उन्होंने डिप्टी सीएम की शपथ लिया है।
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने स्पष्ट किया है कि अजीत पवार के शपथ ग्रहण को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पार्टी का कोई आधिकारिक समर्थन नहीं है। बताते चले कि प्रदेश में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार है जिसमें पहले ही देवेंन्द्र फडनवीस उप मुख्यमंत्री हैं। राजभवन में इस मौक़े पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अजित अनंत राव पवार समेत अन्य नेताओं ने मंत्रीपद की शपथ ली। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार मे मंत्री सुधीर मुनगंतिवार ने दावा किया कि 40 से अधिक विधायक सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं। आप कह सकते हैं कि पूरी की पूरी एनसीपी गठबंधन का समर्थन कर रही है।
अजीत पवार के शपथ लेने के बाद शरद पवार ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी किसकी है इसका फ़ैसला जनता करेगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि एनसीपी के कुछ सहकारियों ने आज शपथ ली है। लेकिन कुछ नेताओं ने पार्टी के ख़िलाफ़ कदम उठाया है। कुछ लोगों ने ये भी दावा किया है कि वो ही पार्टी हैं, लेकिन सच्चाई कुछ दिनों में सामने आ जाएगी।’ शरद पवार ने कहा, ‘मुझे ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खड़गे का फ़ोन आया है। जो भी हुआ है, मुझे उसकी चिंता नहीं है। आज का दिन ख़त्म होने के बाद मैं बाहर निकलूंगा और यशवंत राव चव्हाण की समाधि पर जाऊंगा। फिर पूरे महाराष्ट्र में घूमकर जनमत बनाऊंगा। एनसीपी किसकी इसका फ़ैसला लोग करेंगे। इतिहास पता होना चाहिए एनसीपी पार्टी मैंने बनाई है। हम लोगों के सामने अपनी भूमिका रखेंगे।’
वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने कहा, ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस के पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, तालुका अध्यक्ष, महिला पदाधिकारी सभी शरद पवार के साथ हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘शपथ ग्रहण समारोह दरअसल ऑपरेशन लोटस का हिस्सा था। इस शपथ ग्रहण समारोह को एनसीपी का कोई आधिकारिक समर्थन नहीं है। यह शपथ लेने वालों का निजी फैसला है। ये फैसला एनसीपी का नहीं है।’ इस मामले में शिवसेना ने भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। शिव सेना के संजय राउत ने कहा कि लोग लंबे समय तक ये खेल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राजभवन की एक तस्वीर के साथ संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की राजनीति को साफ करने का बीड़ा उठा लिया है। उन्हें ऐसा करने दीजिए। मेरी बात शरद पवार से हुई है। उन्होंने कहा है कि हम मज़बूत हैं, हमारे पास लोगों का समर्थन है और उद्धव ठाकरे के साथ मिल कर फिर से सब कुछ बना लेंगे।’ वहीं शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा, ‘एनसीपी नेता अजत पवार ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। क्या ये प्रवर्तन निदेशालय के डर से नहीं है? लोगों को पता है कि बीजेपी पीठ में छुरा भोंकती है।’