‘सब्जियों के बढ़ते दामों हेतु मिया मुसलमान ज़िम्मेदार’ बयान को नफरती बता असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ कई थानों में शिकायत दर्ज, टीएमसी ने सीजेआई को पत्र लिख मामले से कराया अवगत
यश कुमार
नई दिल्ली: बंगाली भाषी मुसलमानों, जिन्हें अक्सर असम में ‘मिया’ कहा जाता है, के खिलाफ कथित नफरत भरे भाषण के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के खिलाफ सोमवार को कई पुलिस स्टेशनों में शिकायतें दर्ज की गईं है। यह शिकायते पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सब्जियों की आसमान छूती कीमतों के लिए ‘मिया’ किसानों और व्यापारियों के एकाधिकार को जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही असमिया युवाओं से ‘मिया’ को व्यवसाय से बाहर करने के लिए खेती और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को अपनाने का आग्रह किया था।
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली शिकायत असम सांख्यलाघू संग्राम परिषद द्वारा मध्य असम के नगांव सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। अल्पसंख्यक संगठन ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी विवादास्पद टिप्पणियों से ‘मिया’ और असमिया समुदाय के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं, असम के राज्यसभा सदस्य अजीत कुमार भुइयां ने शर्मा के खिलाफ दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। विधानसभा और सचिवालय गुवाहाटी के इस पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। भुइयां ने शर्मा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री ने एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया है। सांप्रदायिक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक सख्त कानून है।’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की असम इकाई ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित 28 अप्रैल के आदेश का उल्लंघन करने के लिए शर्मा के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई का अनुरोध किया। पार्टी ने असम सरकार के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की है। राज्य टीएमसी अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा, ‘मिया समुदाय के बारे में मुख्यमंत्री की राय, उन्हें असम में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और असमिया युवाओं से नौकरियां छीनने के लिए जिम्मेदार ठहराना, स्पष्ट रूप से भाजपा और उसके नेताओं द्वारा अपनाई गई विभाजनकारी राजनीति को इंगित करती है।’
माकपा की असम राज्य समिति ने भी मध्य गुवाहाटी के लतासिल पुलिस स्टेशन में नफरती भाषा के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार और केंद्रीय समिति के सदस्य इस्फाकुर रहमान द्वारा हस्ताक्षरित शिकायत में कहा गया है, ‘असम के मुख्यमंत्री दो धार्मिक समुदायों – हिंदू और मुसलमानों – के बीच विभाजन और तनाव पैदा करने के एक गुप्त उद्देश्य से सांप्रदायिक आधार पर नफरत भरे भाषण दे रहे हैं।’ पार्टी ने ऑल-इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ भी ‘सांप्रदायिकता के साथ हिंदुओं के खिलाफ इसी तरह के नफरत भरे भाषण देने’ के लिए शिकायत दर्ज कराई है।
कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत दोनों (हिमंता बिस्वा शर्मा और बदरुद्दीन अजमल) के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत में 12 जुलाई को पश्चिमी असम के धुबरी में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर अजमल के बयान का हवाला दिया गया। उस बयान में अजमल ने कहा था कि यदि प्रस्तावित यूसीसी लागू हो गया तो हिंदू एक जैसी पोशाक पहनेंगे, एक जैसी मछली और मांस खाएंगे।