एक साल में सरकार ने रद्द किए पांच करोड़ से ज़्यादा मनरेगा जॉब कार्ड
अनुराग पाण्डेय
डेस्क: बीते एक साल में पांच करोड़ से ज़्यादा मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में इस बारे में जानकारी दी है। मनरेगा यानी भारत के ग्रामीण इलाक़ों में 100 दिन के रोज़गार की गांरटी। इसी के तहत लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जाते हैं।
गिरिराज सिंह ने लिखित जवाब में बताया, 2021-22 की तुलना में 247 फ़ीसदी मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए हैं। 2022-23 में रद्द किए मनरेगा जॉब कार्ड्स की संख्या पांच करोड़ 18 लाख 91 हज़ार से ज़्यादा रही। सबसे ज़्यादा जॉब कार्ड पश्चिम बंगाल राज्य में रद्द किए गए हैं। पिछले साल की तुलना में क़रीब 5000 फ़ीसदी की वृद्धि के साथ बंगाल में 83 लाख 36 हज़ार मनरेगा कार्ड रद्द किए गए हैं।
इस लिस्ट में अगले नाम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं। गुजरात में क़रीब 200 फ़ीसदी की वृद्धि के साथ बीते साल करीब चार लाख 30 हज़ार से ज़्यादा कार्ड रद्द किए गए। सरकार ने संसद में इन मनरेगा कार्ड्स को रद्द किए जाने की वजह भी बताई है। सरकार ने कहा कि जॉब कार्ड हटाने के लिए कई कारण ये है- जाली जॉब कार्ड, नकली या डुप्लीकेट जॉब कार्ड, अब, काम करने के इच्छुक नहीं, ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से चले जाना और जॉब कार्ड वाले व्यक्ति की मौत।