ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: कल शाम फिर होगी हाई कोर्ट में सुनवाई, यथा स्थिति का आदेश एक दिन और बढा, पढ़े क्या हुई अदालत में जिरह
तारिक़ आज़मी (इनपुट: तारिक खान)
प्रयागराज/वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आज हाई कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी दलील पेश किया है। इस दरमियान अदालत ने एएसआई टीम को भी तलब किया था और शाम 4:30 बजे सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई पूरी न होने की स्थिति में हाई कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश एक दिन और बढाते हुवे कल 3:30 पर सुनवाई का हुक्म जारी किया है।
आज हुई सुनवाई में अंजुमन मसाजिद इन्तेज़मियां कमेटी के अधिवक्ता फरमान हैदर नकवी और अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने अंजुमन मसाजिद इन्तेजामियां कमेटी के पक्ष में दलील रखते हुवे कहा कि हालात ऐसे बन गए है जैसे घात लगाये लोग बैठे हो और किसी भी वक्त मौका मिलने पर हमारे पर हमलावर हो गये। जिरह के दरमियान अधिवक्ताओं ने पक्ष रखते हुवे इस तरफ भी अदालत का ध्यानाकर्षण करवाया कि विगत सदियों से मस्जिद है। मगर विवाद अभी ही क्यों?
अपुष्ट सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार एएसआई के जल्दी पर अदालत ने अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर किया है। वही हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने एएसआई सर्वे के मुद्दे पर सर्वे के समर्थन में अपनी दलील पूरी कर लिया है। अधिवक्ता फरमान हैदर नकवी ने मीडिया से बात करते हुवे जानकारी मुहैया करवाया है कि अदालत इस मामले में कल दोपहर 3:30 पर आगे की सुनवाई करेगी। तब तक के लिए यथा स्थिति के आदेश को मुल्तवी करते हुवे स्टे कल तक बढ़ा दिया गया है।
बताते चले कि निचली अदालत द्वारा एएसआई सर्वे के आदेश पर अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी ने अवमानना की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। इस याचिका पर सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी द्वारा किए गए एक तत्काल उल्लेख पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया था। सुनवाई के दौरान पीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई की ओर से दिए गए एक बयान पर भी ध्यान दिया कि वह कम से कम एक सप्ताह तक ज्ञानवापी स्थल की कोई खुदाई करने की योजना नहीं बना रहा है, हालांकि वाराणसी जिला कोर्ट ने यह निर्धारित करने के लिए ऐसी खुदाई की अनुमति दी थी कि क्या 16 वीं शताब्दी की मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।
इससे पहले, 12 मई को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उक्त आकृति जिसको वादिनी मुकदमा ‘शिव लिंग’ होने का दावा कर रहे है जबकि मस्जिद कमेटी का दावा है कि वह वज़ू खाने का फव्वारा है, का वैज्ञानिक सर्वेक्षण (आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके) करने का निर्देश दिया था, जो कथित तौर पर वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाया गया था, ताकि इसकी उम्र का पता लगाया जा सके। यह आदेश जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने वाराणसी कोर्ट के 14 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली 4 महिला हिंदू उपासकों द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया, जिसमें अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।