पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज मामले में बोले सुशील मोदी ‘हम पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवायेगे, प्रशासन ने कहा ‘मृत भाजपा कार्यकर्ता के शरीर पर कोई चोट का निशान नही है’
अनिल कुमार
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग के ज़रिए शिक्षकों की होने वाली बहाली और बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने की इजाज़त देने के ख़िलाफ़ पटना में बीजेपी विरोध प्रदर्शन कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस दरमियान भाजपा कार्यकर्ता उग्र हो गई और पुलिस पर लाल मिर्च भी फेकी गई। जिसको रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठी चार्ज करना पड़ा। वही भाजपा का आरोप है कि इस लाठीचार्ज में उनके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है।
इस मामले में जहा बिहार में बीजेपी के विधान पार्षद देवेश कुमार ने दावा किया है कि पटना में पुलिस की लाठीचार्ज के बाद हुई भगदड़ में एक पार्टी कार्यकर्ता की मौत हो गई है। वही बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ‘ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सबसे दुखद तो ये है कि हमारा एक कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मृत्यु हो गई। वो जहानाबाद का ज़िला महामंत्री था। पुलिस ने इतनी बुरी तरह से पिटाई की। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई। हम पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करेंगे। दो दर्जन से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता घायल हुए हैं।’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पटना डीएम कार्यालय की ओर से बताया गया कि एक व्यक्ति को अचेत अवस्था में छज्जूबाग इलाक़े में पाया गया और उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है। व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जबकि भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद देवेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि लाठीचार्ज के बाद हुई भगदड़ में उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है। देवेश कुमार से जब पूछा गया कि पुलिस से बीजेपी का टकराव बढ़ता जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा, ‘हम लोग शांतिपूर्वक धरने पर बैठ गए हैं। हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन सरकार टकराव चाहती है। सरकार उकसा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘अभी हमारे एक कार्यकर्ता की मृत्यु हो गई। उस पर लाठीचार्ज हुआ और भगदड़ में उसकी मृत्यु हो गई। लाठीचार्ज किया उस पर। ‘निहत्थे लोगों पर बेवजह लाठीचार्ज किया गया।’ दो साल पहले जदयू और बीजेपी की सरकार के दौरान जब तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल राजद पर हुए लाठीचार्ज के बारे में जब उनसे पूछा गया तो, देवेश कुमार ने कहा कि ‘उस घटना से आज के लाठीचार्ज की तुलना नहीं की जा सकती। तब लाठीचार्ज इसलिए हुआ था कि राजद के कार्यकर्ता, दुकानदारों को लूट रहे थे।’
इससे पहले गुरुवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में खूब शोरगुल हुआ। बीजेपी के दो विधायकों जीवेश मिश्रा और इंजीनियर शैलेंद्र को सदन से मार्शलों ने बाहर निकाल दिया। ये हंगामा तब और बढ़ गया, जब पटना में बीजेपी के निकाले जा रहे मार्च पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। निकाले गए बीजेपी के दोनों नेताओं ने बाहर आते ही बिहार विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को निशाने पर लिया। जीवेश मिश्रा ने विधानसभा स्पीकर पर सत्ताधारी पार्टी के सदस्य के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए ये कहा कि अध्यक्ष ने हर बार किसी को मार्शल आउट करने की नई आदत सीख ली है।