मणिपुर हिंसा: प्रधानमन्त्री के वक्तव्य पर प्रियंका गांधी ने कटाक्ष करते हुवे कहा, 78 दिनों बाद बोले भी तो उसमे राजनीति घोल दिया’
शाहीन बनारसी
डेस्क: गुरुवार से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई। पीएम मोदी जब संसद पहुंचकर मीडिया से बात करने आए, तो उन्होंने मणिपुर के वायरल वीडियो का ज़िक्र किया। जिसके बाद विपक्ष अब पूरी तरह से पीएम मोदी की मणिपुर हिंसा पर ख़ामोशी के लिए हमलावर है। पीएम के बयान को लेकर विपक्ष ने कल दोपहर से ही जमकर सदन से लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा काट दिया।इस कड़ी में प्रियंका गांधी ने आज कहा है कि पीएम 78 दिनों बाद बोले भी तो उसमे भी राजनीति घोल दिया।
दरअसल, 3 मई से चल रही मणिपुर हिंसा पर प्रधानमन्त्री का कोई भी बयान अभी तक सामने नहीं आया था। कल जब इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुवे सख्त रुख अख्तियार किया और कहा कि अगर सरकार कुछ नही करेगी तो हम करेगे। जिसके बाद कल सदन में पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा का ज़िक्र करते हुवे कहा कि ‘मणिपुर की घटना से मेरा हृदय दुख से भरा है। ये घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा था कि ‘140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वो मां-बहनों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।’ राजस्थान, छत्तीसगढ़, मणिपुर का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘घटना चाहे किसी भी राज्य की हो, सरकार चाहे किसी की भी हो, नारी के सम्मान के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करें।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 77 दिनों तक मणिपुर पर चुप्पी साधे रखी लेकिन जब वे बोले भी तो उसमें राजनीति घोल दी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले दो महीने से मणिपुर जल रहा है। घरों में आग लगाई जा रही है। महिलाओं के साथ भयावह अत्याचार हो रहा है। लेकिन पीएम मोदी ने 77 दिनों तक इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोला। महिलाओं के साथ हो रही अमानवीय घटनाओं का वीडियो सामने आने के बाद पीएम ने मजबूरी में एक वाक्य बोला और उसमें भी उन्होंने राजनीति घोल दी। उस वाक्य में भी उन्होंने उन राज्यों का नाम लिया जहां विपक्ष की सरकार है।’