ओलम्पिक पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने प्रधानमंत्री से अपने गृह राज्य मणिपुर में शांति बहाल करने की अपील की
आदिल अहमद
डेस्क: ओलंपिक पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने गृह राज्य मणिपुर में दो समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील की है। टोक्यो ओलंपिक में 49 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतने वाली चानू ने कहा कि वह दूर होने के बावजूद घर की स्थिति के बारे में सोचने से खुद को नहीं रोक पा रही हैं। बताते चले कि मणिपुर में 3 मई से बहुसंख्यक मेईतेई और कुकी आदिवासी समुदायों के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं। झड़पों में अब तक 140 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
I request Hon'ble Prime Minister @narendramodi_in sir and Home Minister @AmitShah sir to kindly help and save our state Manipur. 🙏🙏 pic.twitter.com/zRbltnjKl8
— Saikhom Mirabai Chanu (@mirabai_chanu) July 17, 2023
वर्तमान में अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहीं मीराबाई चानू ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के एथलीट संघर्ष से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे जारी हिंसा के बीच प्रशिक्षण नहीं ले सकते हैं। चानू ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘मणिपुर में हिंसा शुरू हुए जल्द ही तीन महीने हो जाएंगे। अधिकारी अभी तक शांति बहाल नहीं कर पाए हैं। हिंसा के कारण बहुत से एथलीट ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे हैं और छात्र पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। बहुत से लोगों की जान चली गई और कई घर जलकर खाक हो गए।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि मैं आगामी विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों की तैयारी के लिए फिलहाल अमेरिका में प्रशिक्षण ले रही हूं। भले ही मैं राज्य में नहीं हूं, मैं घर के बारे में सोचती हूं और सोचती हूं कि सामान्य स्थिति कब लौटेगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अपील करना चाहती हूं कि वे जल्द से जल्द इस संघर्ष को समाप्त करें और मणिपुर के सभी लोगों को बचाएं और पहले की तरह शांति वापस लाएं।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा घर मणिपुर में है, हालांकि मैं आगामी विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों की तैयारी के लिए फिलहाल अमेरिका में प्रशिक्षण ले रही हूं। भले ही मैं मणिपुर में नहीं हूं, लेकिन मैं हमेशा सोचती हूं कि यह संघर्ष कब खत्म होगा।’
गौरतलब हो कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं, हिंसा में बदल गई और अब भी जारी हैं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेईतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।