काशी के लोग मुझे सिखा देते है, मैं उन्हें कुछ सिखा नही सकता, अब जे बनारस आई खुश हो के जाई: प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी
ए0 जावेद
वाराणसी: पीएम मोदी कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए आज शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। इस दरमियाना सभा को संबोधित करते हुवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कि ‘काशी के लोग मुझे सिखा देते हैं, मैं उन्हें कुछ सिखा नहीं सकता।’ उन्होंने वाराणसी में हुई जी20 बैठक का ज़िक्र किया और कहा कि उन्हें यकीन है कि काशी के लोग सब संभाल लेंगे।
इस दरमियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को भी निशाने पर लिया और कहा कि ‘पहले लोकतंत्र के नाम पर केवल गिने चुने लोगों के हित साधे जते थे, ग़रीबों की कोई पूछ नहीं थी। भाजपा के शासन काल में लाभार्थी वर्ग सेकुलरिज़्म का उदाहरण बन चुका है। जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया उनके शासन के मूल बेईमानी रही।’
आज गरीब कल्याण हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट की कोई कमी नहीं है। वही करदाता हैं, वही सिस्टम है। सरकार बदली है, नीयत बदली है, तो परिणाम भी बदले दिख रहे हैं।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/C5mTtYoLLt
— BJP (@BJP4India) July 7, 2023
उन्होंने कहा कि ‘2014 से पहले भ्रष्टाचारी और परिवारवादियों के सरकारों के दौरान ऐसा ही कारोबार चलता था। बजट की बात आती थी तो घाटे का, नुक़सान का ही बहाना होता था लेकिन आज ग़रीब कल्याण हो या इंफ्रास्ट्रक्चर बजट की कमी नहीं है।’ भारतीय रेल का ज़िक्र करते हुवे प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बीते नौ सालों में आए परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय रेल का है। 2006 में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ियों के लिए विशेष परियोजना) में शुरू हुई थी, लेकिन 2014 तक एक किलोमीटर ट्रैक भी नहीं बन पाया था। बीते नौ सालों में इसका बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है।’
उन्होने कहा कि ‘50 साल पहले देश में राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई, लेकिन इतने सालों में भी ये केवल 16 रूटों में ही चल पाई है। इसी तरह शताब्दी 30-35 साल पहले चली, लेकिन ये भी 19 रूटों पर ही चल रही है। इनसे अलग वंदे भारत एक्सप्रेस है जो चार साल में 25 रूट पर चलनी शुरू हो चुकी है।’