वाराणसी: सर्व सेवा संघ में सत्याग्रह के हुवे 60 दिन पुरे, बोले सत्याग्रही ‘कहाँ है शासन व प्रशासन के लोग?’
अनुराग पाण्डेय
वाराणसी: वाराणसी के राजघाट स्थित सर्वसेवा संघ में सत्याग्रह के पुरे 60 दिन आज हो गए है। इस सत्याग्रह में उपस्थित सत्याग्रहियो ने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के वाराणसी में होने के अवसर पर उनसे सामुहिक अपील किया है कि भूदान आंदोलन के प्रणेता संत विनोबा भावे वाराणसी के राजघाट में साधना केंद्र की स्थापना की थी। जिसका उद्देश्य था समाज कार्य व राष्ट्र निर्माण के लिए युवक व युवतियों को तैयार करना और सर्वोदय साहित्य का निर्माण करना, जो समाज के लोगों को सामाजिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाएं।
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश ने इस परिसर में गांधी विद्या संस्थान का निर्माण किया था। जिससे सामाजिक आंदोलन के प्रभाव पर शोध कार्य हो सके। लेकिन जिला प्रशासन विनोबा और जेपी के सपनों को ध्वस्त करने पर आमादा है। सरसंचालक से उन्होंने अपील किया है कि जब वह वाराणसी आए हैं तो कम से कम इस तरह की गतिविधियां तत्काल रोकने के लिए सरकार को निर्देश दें वरना देश की एक बड़ी महत्वपूर्ण विरासत ध्वस्त हो जाएगी।
आज के सत्याग्रह में मुख्य रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक नेता व संपूर्ण क्रांति आंदोलन के महत्वपूर्ण नायक रहे वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं समाजवादी समागम के अध्यक्ष प्रो0 राजकुमार जैन तथा ग्वालियर से आए मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री जिन्होंने आपातकाल के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, एवं आईटीएम विश्वविद्यालय के संस्थापक रमाशंकर सिंह, समाजवादी प्रो0 आनंद कुमार मौजूद रहे। इस सत्याग्रह के संयोजक रामधीरज व जागृती राही के साथ सामूहिक उन्होंने संयुक्त प्रेस-वार्ता भी किया।
जागृती राही ने सर्वधर्म प्रार्थना कराकर आज के सत्याग्रह का शुभारंभ किया एवं महिला चेतना समिति की महिलाओं ने क्रांति गीत गाई। वक्ता के रूप में प्रो० आनंद कुमार ने सत्याग्रह कर रहे हैं सभी सत्याग्रहियो का हौसला आफजाई करते हुए सभी का शुक्रिया किया और कहा आज जब सत्ता पक्ष तानाशाह हो चुकी है, उसके सारे तंत्र मानवीयता के विरुद्ध खड़े हो चुके हैं, ऐसी विपरीत घड़ी में हम आप सत्याग्रही पिछले 60 दिनों से इस तूफान को थामे हुए हैं। निश्चित ही सत्य की विजय होगी क्योंकि इस सत्याग्रह में भारी संख्या में दूरदराज के ग्रामीण महिलाएं, नौजवान साथी सामाजिक चिंतक एवं सामाजिक कार्यकर्ता अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
ग्वालियर मध्य प्रदेश से आए पूर्व मंत्री, गांधी विचारक रमाशंकर सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह आंदोलन जन आंदोलन के रूप में हम सब तक पहुंचा व राष्ट्र आंदोलन का रूप ले रहा है। और निश्चित है कि इस सत्याग्रह को ताकत देने और सत्य की विजय के लिए देश भर के सभी समाजवादी, सामाजिक चिंतक, व राजनीतिज्ञ जुड़ते जा रहे हैं।
वरिष्ठ समाजवादी नेता वह दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक नेता प्रो० राजकुमार जैन ने आश्वस्त किया कि वह इस लड़ाई को देश के केंद्र में लोकतंत्र के मंदिर में सभी प्रमुख विपक्षी दलों द्वारा उठाया जाएगा और देश में हर स्तर के न्यायपालिका में इसके कानूनी पक्ष को मजबूती से लड़ा जाएगा और अंत में हम सत्य जनता में साबित करेंगे। सत्ता पक्ष में बैठे कुछ दूषित लोग जो गांधी, विनोबा, जयप्रकाश जैसे राष्ट्र नायकों की विचारधारा को नष्ट करने की मंशा रखते हैं वह भारत का हित नहीं चाहते।
प्रयागराज से कस्तूरबा गांधी ट्रस्ट द्वारा संचालित विद्यालय की शिक्षिकाएं एवं छात्राएं सत्याग्रह में शामिल होने वाराणसी परिसर में आई थी। वक्ताओं कि सूची में नन्दलाल मास्टर, बनवासी सेवा आश्रम की सुभा बहन, विद्याधर मास्टर, अशोक मानव, ईश्वर चंद, जागृति राही, अनुप श्रमिक, बल्लभ पांडे, धनंजय त्रिपाठी, अफलातून देसाई एवं अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। आज लगभग 125 सत्याग्रहियों ने सत्याग्रह किया!