फ्रांस में नहीं थम रही हिंसा: पेरिस के बाद देश के दूसरे बड़े शहर में हालात बेकाबू, देश की सडको पर लगभग 45 हज़ार पुलिसकर्मी तैनात, देखें तस्वीरें
आदिल अहमद
डेस्क: कई दिनों से फ़्रांस में हो रही हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। वही पेरिस के बाद देश के दूसरे बड़े शहर मस्से से सामने आ रहे वीडियोज में पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ती हुई और लोग इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। हिंसा फैलाने के आरोप में इस शहर में अब तक 56 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। वहीं सेंट्रल पेरिस में भारी पुलिस बल तैनात है। इस वजह वहां अब प्रदर्शनकारी बाहर निकल कर उपद्रव नहीं कर पा रहे हैं।
इस बीच, पुलिस की गोली से मारे गए किशोर नाहेल एम के अंतिम संस्कार में भारी तादाद में लोग शामिल हुए। एक ट्रैफिक स्टॉप पर न रुकने पर नाहेल को एक पुलिसकर्मी ने बिल्कुल नजदीक से गोली मार दी थी। पेरिस के उप शहर नानतेरे में इस मौत के बाद पूरा फ्रांस हिंसा और आगजनी में डूब गया है। बताते चले कि देश की सड़कों पर लगभग 45 हजार पुलिसकर्मी हालात काबू करने में जुटे हैं।
गृह मंत्री जेराल्ड दारमेनिन ने हिंसा रोकने में जुटे पुलिसकर्मियों की तारीफ की है और कहा कि उनकी वजह से पिछली रात ‘तुलनात्मक’ रूप से शांत रही। गृह मंत्रालय ने कहा है हिंसा करने के आरोप में 486 ताज़ा गिरफ्तारियां हुई हैं। शुक्रवार को 1300 गिरफ़्तारियां हुई थीं। वहीं गुरुवार को 900 लोगों को पकड़ा गया था।
इस बीच, मस्से में शनिवार शाम पुलिसकर्मी और उपद्रवी भिड़ते रहे। इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो फुटेज में पुलिस आंसू गैस छोड़ती दिख रही है। इसमें शहर के बीचोबीच ला केनबिये में पुलिसकर्मी और उपद्रवी एक दूसरे पर हमला करते दिख रहे हैं। फ्रेंच मीडिया की रिपोर्टों में पुलिस और हिंसा, आगजनी पर उतारू लोगों के बीच पिछले एक घंटे से टकराव चल रहा है। पेरिस में, मशहूर चैंप्स-एलिसfस के पास बड़ी संख्या में पुलिस देखी गई।
सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों की ओर एकजुटता की अपील की वजह से भी लोग बड़ी तादाद में सड़कों पर निकल रहे हैं। इससे पुलिस का काम और मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि पुलिस के जोर लगाने की वजह से प्रदर्शनकारियों की संख्या घटी है। पेरिस पुलिस ने 126 लोगों को गिरफ़्तार किया है। हिंसा और आगजनी की वजह से लगातार दूसरे दिन रात नौ बजे के बाद बसें और ट्रामें नहीं चलीं।
उत्तरी शहर में स्पेशल पुलिस फोर्स फ्लैग मार्च करती दिखी। कई जगह पर दमकलकर्मी आग बुझाते दिख रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने शहर में कई जगहों पर आग लगा दी थी। बड़ी संख्या में गाड़ियों के आग के हवाले कर दिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक़ लियोन शहर में हिंसा भड़काने के आरोप में 21 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। नाइस और स्ट्रासबर्ग में भी झड़पें जारी हैं।
वही शनिवार को नानतेरे में पुलिस की गोली से मारे गए 17 वर्षीय किशोर नाहेल के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। नाहेल का शव पहले मस्जिद में रखा गया और फिर वहां से उसे दफनाने के लिए स्थानीय कब्रिस्तान ले जाया गया। इस दौरान नाहेल के परिवार वालों के समर्थन में आए लोग न्यूज़ मीडिया के लोगों को दूर रहने के लिए कहते रहे।
अंतिम संस्कार से जुड़ी प्रक्रियाओं को फिल्माने पर भी रोक लगी हुई थी। शोक सभा में शामिल होने वाले लोगों को इसे स्नैप चैट और इंस्टाग्राम पर भी डालने से रोका गया। बताते चले कि मंगलवार को पुलिस ने नानतेरे में 17 साल के युवक नाहेल को ट्रैफ़िक चेक के लिए न रुकने पर गोली मार दी थी। पुलिस ने जिस 17 वर्षीय नाहेल को गोली मारी, वह अपनी मां की इकलौती संतान था। वो डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था और रग्बी का लीग प्लेयर था।
उसकी पढ़ाई व्यवस्थित ढंग से नहीं हुई थी। उसे अपने शहर के नजदीक सरेसनेस के कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां इसे इलेक्ट्रिशियन के तौर पर ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा गया था। नानतेरे में उसके घर के आसपास रहने वालों ने उसे अच्छे स्वभाव का किशोर बताया है। वो अपनी मां मॉनिया के साथ रहता था। उसके पिता के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। नाहेल का आपराधिक रिकार्ड नहीं रहा है, लेकिन पुलिस उसे जानती थी। जिस दिन उसे गोली मारी गई, उस दिन उसने अपनी मां को ड्यूटी पर जाते वक्त बड़़े प्यार से विदा किया था।
बताते चले पिछली पांच रातों से फ़्रांस में अलग-अलग शहरों में प्रदर्शनकारियों की ओर से भारी आगजनी, आतिशबाज़ी की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई कारें, सरकारी इमारतें नष्ट हो गई हैं। सड़कों पर युद्ध के मैदान जैसा हाल है।