दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने किया हरियाणा से पानी छोड़े जाने का ज़िक्र तो बोले खट्टर ‘यह प्राकृतिक आपदा है, इसमें राजनीति नही करना चाहिए’
शाहीन बनारसी
डेस्क: दिल्ली में यमुना का पानी सड़कों पर आ चुका है और कई इलाके डूब चुके हैं। आईटीओ, राजघाट और लाल किला तक पानी आ चुका है। दिल्ली में बाढ़ क्षेत्र के क़रीबी इलाक़े पूरी तरह डूब गए हैं। 23 हज़ार से अधिक लोगों को राहत शिविर में दिल्ली सरकार ने शिफ़्ट किया गया है। बताया जाता है कि दिल्ली में विगत 40 वर्षो से आई यमुना में बाढ़ की यह सबसे भयावाह स्थिति है।
ITO बैराज पर 32 में ये 5 गेट बंद हैं। इन्हें हरियाणा सरकार सँभालती है। इनके बंद होने से पानी की निकासी आगे की तरफ़ बाधित हो रही है। नेवी और आर्मी के साथ मिलकर हम इन्हें खोलने की कोशिश कर रहे हैं, शाम को मैं खुद मौक़े पर गया और टीम से बात की। इन गेट के खुलने से पानी का बहाव दिल्ली… pic.twitter.com/Ds7zOfrhRs
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 14, 2023
इस स्थिति से जूझ रही दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई बार हरियाणा से पानी छोड़े जाने का ज़िक्र कर चुके हैं। केजरीवाल ने बुधवार को केंद्र सरकार से आग्रह भी किया था कि वो हरियाणा को पानी का बहाव नियंत्रित करने के मामले में हस्तक्षेप करें। इस मामले में आज भी ट्वीट कर अरविन्द ने कहा कि ‘ITO बैराज पर 32 में ये 5 गेट बंद हैं। इन्हें हरियाणा सरकार सँभालती है। इनके बंद होने से पानी की निकासी आगे की तरफ़ बाधित हो रही है। नेवी और आर्मी के साथ मिलकर हम इन्हें खोलने की कोशिश कर रहे हैं, शाम को मैं खुद मौक़े पर गया और टीम से बात की। इन गेट के खुलने से पानी का बहाव दिल्ली से आगे की तरफ़ तेज़ी से बढ़ पाएगा।‘
अरविन्द केजरीवाल के इस बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ‘यह प्राकृतिक आपदा है, इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पानी जो बरसा है वह अप्रत्याशित था। पहाड़ी राज्यों में बारिश की वजह से भी हमारी नदियों में पानी बढ़ा है। यमुना में एक लाख क्यूसेक से बढ़कर एकदम साढ़े तीन लाख हो गया। और जहां तक पानी छोड़ने की बात है तो ये हमने केजरीवाल जो को बताया भी है कि वो बैराज है, डैम नहीं है। बैराज पर तो पानी थोड़ी मात्रा में रेगुलेट कर सकते हैं।’
खट्टर बोले, ‘बैराज की कैपिसिटी एक लाख क्यूसेक है, उससे ऊपर जो आएगा, उसको रोकना मुश्किल है। और उस पानी के फ्लो करने के बाद सबसे पहले तो पीड़ित हरियाणा खुद ही है। सोनीपत, करनाल, पानीपत सब प्रभावित हैं, इसके बाद दिल्ली की बारी है। उनको ये नहीं कहना चाहिए कि पानी छोड़ा गया है।’