पीएमओ के नाम पर वीआईपी बन जम्मू कश्मीर में घुमने वाले कथित ठग किरण पटेल को मिली ज़मानत, पुलिस ने चार्जशीट से हटाया आईपीसी की धारा 467
निसार शाहीन शाह
जम्मू: कथित ठग किरण पटेल को जमानत मिल गई है। ये वही किरण पटेल है, जिस पर आरोप है कि वो खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का बड़ा अधिकारी बताकर श्रीनगर के ललित होटल में रह रहा था। उसने बाकी सरकारी प्रोटोकॉल्स का भी जमकर फायदा उठाया। पटेल को श्रीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में किरण के खिलाफ लगाई धारा 467 हटा ली। पहले ये धारा लगाई गई थी। कोर्ट ने कहा कि धारा 467 हटाने के बाद आरोपी द्वारा किए गए अपराध पर सिर्फ सात साल की सजा का प्रावधान बनता है।
कौन है किरण पटेल और क्या किया था उसने ?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2 मार्च को किरण भाई पटेल को गिरफ्तार किया था। ये आदमी खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का एडिशनल डायरेक्टर बताकर ललित होटल में रह रहा था। हालांकि, ये दावा फर्ज़ी था। श्रीनगर में किरण को झूठे दावे पर जेड प्लस सिक्योरिटी भी मिल गई थी। VIP गाड़ी, सुरक्षा के लिए जैमर, साथ में सुरक्षा बल की दो और गाड़ियां। ये इस ठग का काफिला था। उसने जम्मू-कश्मीर के कई शीर्ष अधिकारियों के साथ कई मीटिंग्स भी की। अपने झूठ को अमली जामा पहनाने के लिए पटेल ने कुछ विजिटिंग कार्ड और कुछ दस्तावेज भी तैयार किए थे। इन्हीं की मदद से उसने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के उच्च अधिकारियों को भी धोखा दिया। हकीकत सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में किरण पटेल मीडिया कर्मियों और गुजरात बीजेपी के लिए कोई नया नाम नहीं है। उसे यहां ज्यादातर लोग बीजेपी नेता के तौर पर जानते थे। किरण पटेल अक्सर बीजेपी पार्टी दफ्तर में जब भी कोई बड़ा कार्यक्रम होता था, वहां दिखाई देता था। बताया जाता है कि वो लग्जरी कारों का शौकीन है। चाहे मर्सिडीज हो या BMW या फिर पोर्शे, अक्सर अलग-अलग गाडियों में उसे घूमते देखा गया है। वो खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता भी बताया करता था।
इसी मामले में गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय के पीआरओ के बेटे अमित पंड्या और भाजपा नेता जय सीतापरा को भी गिरफ्तार किया गया था। पंड्या और सीतापारा को मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में नामित किया गया है। किरण पटेल पर गुजरात के अहमदाबाद में एक बंगले को फर्ज़ीवाड़े से हासिल करने का भी आरोप लगा था। उसे इस मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। किरण के खिलाफ गुजरात में भी पांच ठगी के मामले दर्ज हैं।
Chargesheet filed against Kiran Bhai Patel in court of learned CJM Srinagar in FIR No: 19/2023 of PS Nishat. Challan filed in Sections 419, 420, 468, 471, 170, 120B of IPC and Sections 3, 5 of Emblem & Names (Prev of improper use) Act 1950. He is Lodged in central Jail, Srinagar
— Srinagar Police (@SrinagarPolice) May 2, 2023
पुलिस ने पटेल पर आईपीसी की धारा 419, 420, 468, 471, 170 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया था। जांच पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से दूसरे आरोपी पीयूष वसिता के खिलाफ भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी। आरोपियों के वकील अनिल रैना ने कहा था कि इस दस्तावेज़ में दोनों के खिलाफ धारा 467 के तहत आरोप हटा दिए गए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘धारा 467 के तहत अपराध को हटाने के बाद आरोपियों की ओर से किए गए अपराध के लिए केवल सात साल तक की सजा का ही प्रावधान है।’ अब धारा 467 क्या है, ये भी जान लीजिए। IPC की ये धारा मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी से संबंधित है। इसमें आजीवन कारावास या 10 साल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
बताते चले कि सीजेएम ने इसी साल मार्च में किरण को जमानत नहीं दी थी। उस वक्त धारा 467 को ही जमानत ना देने का आधार बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब पुलिस ने इसी धारा को चार्जशीट से हटा दिया है। श्रीनगर सीजेएम मोहम्मद तसलीम ने अपने आदेश में लिखा, ‘मामले में भौतिक परिवर्तन हुए हैं। इसलिए, इस मामले में आगे की जांच के लिए आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है।’ आरोपी के वकील को एक लाख रुपये के जमानती बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया गया है।