जयपुर-मुंबई ट्रेन में हत्या प्रकरण: वायरल वीडियो की हुई फारेंसिक जाँच में आया सच सामने कि वीडियो चेतन सिंह का ही है

आफताब फारुकी

नई दिल्ली: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह, जिन्हें 31 जुलाई को एक ट्रेन के अंदर चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उन पर विभिन्न वीडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच के बाद धारा 153(ए) (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) लगा दी गई है। अब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस कथित वीडियो को चेतन सिंह का बताया जा रहा था उसकी फारेंसिक रिपोर्ट भी सामने आई है और उसने सिद्ध कर दिया है कि वीडियो चेतन शिंह का है और एडिट नही है।

Murder episode in Jaipur-Mumbai train: Forensic investigation of viral video revealed the truth that the video is of Chetan Singh only

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वीडियो क्लिप्स में उन्हें कथित\ तौर पर ‘घृणास्पद टिप्पणियां’ करते हुए दिखाया गया था, जिनकी फॉरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि वीडियो क्लिप्स में वही हैं। बताते चले कि पिछले दिनों ‘जयपुर मुंबई’ ट्रेन में एक दाढ़ी वाले और अमूमन मुस्लिमों द्वारा पहने जाने वाले पठान सूट पहने यात्री की हत्या करने के मामले में एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में देखा जा सकता है कि कांस्टेबल चेतन सिंह एक लाश के पास खड़े होकर कथित रूप से यात्रियों को संबोधित करते कहता है कि  ‘…अगर वोट देना है, अगर हिंदुस्तान में रहना है, तो मैं कहता हूं, मोदी और योगी, ये दो हैं, और आपके ठाकरे।’

सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों के अनुसार, उन्होंने घटना के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो में देखे गए व्यक्ति के साथ सिंह की आवाज के नमूने और तस्वीरों का मिलान करने के लिए फॉरेंसिक जांच कराई। ज्ञात हो कि जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट ड्यूटी पर मौजूद चेतन सिंह ने अपने वरिष्ठ अधिकारी सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीना समेत चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अन्य तीन अब्दुल कादर, मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला, सैयद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख थे।

जीआरपी जांचकर्ताओं ने सोमवार को अदालत को यह भी बताया कि वे उन यात्रियों का पता लगाने में कामयाब रहे जिन्होंने सिंह का वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें वह ‘आपत्तिजनक’ और ‘नफरत भरी’ टिप्पणियां करते हुए दिखाई दे रहा था। सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों के अनुसार, उन्होंने घटना के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो में देखे गए व्यक्ति के साथ सिंह की आवाज के नमूने और तस्वीरों का मिलान करने के लिए फॉरेंसिक जांच कराई।

जीआरपी जांचकर्ताओं ने सोमवार को अदालत को यह भी बताया कि वे उन यात्रियों का पता लगाने में कामयाब रहे जिन्होंने सिंह का वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें वह ‘आपत्तिजनक’ और ‘नफरत भरी’ टिप्पणियां करते हुए दिखाई दे रहा था। सूत्रों ने कहा कि जीआरपी कर्मियों ने अन्य यात्रियों के बयान भी दर्ज किए, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सिंह ने ट्रेन में चार लोगों की हत्या के बाद सांप्रदायिक भाषण दिया था। जीआरपी के एक अधिकारी ने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और ये विवरण मामले में धारा 153(ए) जोड़ने का आधार हैं। पुलिस ने दो अन्य आरपीएफ जवानों (जो एस्कॉर्ट ड्यूटी पर थे), ट्रेन मैनेजर, लोको पायलट, सहायक स्थानीय पायलट, टिकट चेकर और कोच अटेंडेंट के भी बयान दर्ज किए। पुलिस अन्य आरपीएफ जवानों के भी बयान दर्ज कर रही है जो उसी बैरक में रहते हैं जहां सिंह रहते हैं। सिंह पहले गुजरात और एमपी के उज्जैन में काम कर चुके हैं।

इससे पहले चेतन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और शस्त्र अधिनियम और रेलवे अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। बोरिवली में जीआरपी ने सोमवार (7 अगस्त) को एक स्थानीय अदालत को बताया कि उसने आईपीसी की धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 363 (अपहरण), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) अतिरिक्त धाराएं लगाई हैं। वही चेतन सिंह के वकील अमित मिश्रा ने दावा किया है कि उनका मुवक्किल एंग्जायटी अटैक से पीड़ित है और उनका इलाज चल रहा था क्योंकि उनकी मानसिक स्थिति एक साल से अधिक समय से स्थिर नहीं है।

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